6 Jun 2022 | 1 min Read
Ankita Mishra
Author | 408 Articles
Mousumi Dutta
प्रेग्नेंट होने के बाद महिलाओं को बहुत-सी बातों का ध्यान रखना चाहिए। जैसा कि भारी वस्तुएं उठाना, खान-पान और रक्तदान। ये सभी बातें सीधे तौर पर माँ और गर्भ में पल रहे बच्चे दोनों को प्रभावित कर सकती हैं। यही खास वजह है कि यहां पर हम गर्भावस्था के दौरान रक्तदान से जुड़ी जानकारी दे रहे हैं।
बता दें कि हर साल 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस (World Blood Donor Day) मनाया जाता है, ताकि वर्ल्ड डोनर डे के प्रति लोगों को जागरूक किया जा सके और आवश्यक लोगों तक खून की पूर्ति की जा सके। पर इसी बीच यह भी जान लेना चाहिए कि क्या गर्भावस्था के दौरान रक्तदान किया जा सकता है या नहीं।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन यानी WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) के मुताबिक, गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं को रक्तदान नहीं करना चाहिए। अगर कोई महिला गर्भावस्था के दौरान रक्तदान करना चाहती हैं या प्रसव के बाद रक्तदान में हिस्सा लेना चाहती हैं, तो उन्हें प्रसव के बाद कम से कम 9 माह का इंतजार करना चाहिए।
यानी 6 माह तक नवजात शिशु पूरी तरह से माँ के स्तनपान पर निर्भर रहता है। इसके बाद माँ थोड़ी-थोड़ी मात्रा में शिशु के आहार में ठोस खाद्य शामिल कर सकती हैं और इसके लगभग तीन माह बाद अगर वो रक्तदान करना चाहती हैं, तो डॉक्टर की सलाह पर रक्तदान कर सकती हैं।
गर्भावस्था के दौरान रक्तदान न करने की वजह है इस दौरान गर्भवती महिलाओं में आयरन की कमी होना। दरअसल, गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में आयरन की पूर्ति बढ़ जाती है, जिस वजह से गर्भावस्था में एनीमिया यानी खून की कमी की समस्या अधिकांश गर्भवती महिलाओं में देखी जा सकती है। वहीं, अगर इस दौरान गर्भवती महिला रक्तदान करती हैं, तो यह उसमें एनीमिया को गंभीर कर सकता है, जो माँ व गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए जोखिम उत्पन्न कर सकता है।
इसके अलावा, माँ के दूध में कई तरह से जरूरी पोषक तत्व होते हैं, जो नवजात बच्चे के शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं। वहीं, अगर माँ के शरीर में खून की कमी होती है, जो इससे माँ के स्तनों में दूध की आपूर्ति हो सकती है। इसके अलावा, माँ के दूध में मौजूद विभिन्न आवश्यक न्यूट्रिएंट्स भी कम हो सकते हैं। यही वजह है कि स्तनपान व गर्भावस्था के दौरान रक्तदान नहीं किया जा सकता है।
गर्भावस्था में एनीमिया के गंभीर दुष्प्रभाव देखे जा सकते हैं, जिनमें शामिल हैंः
इसके अलावा, माँ व नवजात शिशु में शारीरिक रूप से कमजोरी, धीमा विकास, थकान व चक्कर आने की भी समस्या देखी जा सकती है। यही वजह है कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को शरीर में आयरन की कमी की रोकथाम करनी चाहिए और शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी को दूर करना चाहिए।
मैटरनिटी एक्सपर्ट व न्यूट्रीनिस्ट डॉक्टर पूजा मराठे की सलाह के अनुसार, गर्भावस्था में खून बढ़ाने के उपाय के लिए गर्भावस्था में आयरन युक्त आहार को शामिल किया जा सकता है, जैसेः
नोट- ध्यान रखें कि गर्भावस्था में आयरन सप्लीमेंट्स अपने डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही शामिल करें।
रक्तदान के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए विश्व रक्तदाता दिवस (World Blood Donor Day) का आयोजन एक अच्छा जरिया माना जा सकता है। पर ध्यान रखें कि गर्भावस्था के दौरान रक्तदान करना गर्भवती महिला के लिए उचित नहीं माना जा सकता है। हां, कुछ दुर्लभ स्थितियों में अगर गर्भवती महिला के शरीर में आयरन की अधिकता हो जाती है, तो डॉक्टर गर्भावस्था के दौरान रक्तदान की सलाह दे सकते हैं। पर सुरक्षा के लिहाज से प्रेग्नेंसी की दिनों में वर्ल्ड डोनर डे में हिस्सा न लें।
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