• Home  /  
  • Learn  /  
  • गर्भावस्था / प्रसवपूर्व मल्टीविटामिन्स का महत्व
गर्भावस्था / प्रसवपूर्व मल्टीविटामिन्स का महत्व

गर्भावस्था / प्रसवपूर्व मल्टीविटामिन्स का महत्व

11 Mar 2019 | 1 min Read

Ankita Mishra

Author | 409 Articles

गर्भावस्था के सफर को खुशहाल बनाना है, तो गर्भवती महिला के स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहना चाहिए। यही वजह है कि इस लेख में हम प्रसवपूर्व विटामिन यानी प्रीनेटल विटामिन्स इन हिंदी (Prenatal Vitamins in Hindi) से जुड़ी जानकारी दे रहे हैं। प्रसवपूर्व विटामिन या प्रीनेटल विटामिन्स की आवश्यकता न सिर्फ गर्भावस्था के दौरान, बल्कि गर्भावस्था से पहले और बाद में भी होती है। गर्भावस्था में प्रीनेटल (Prenatal Vitamins For Pregnancy) का कितना महत्व होता है या इसकी कितनी खुराक लेनी चाहिए, इससे जुड़ी जानकारी यहां पर दी गई है।

क्या है प्रसवपूर्व विटामिन या प्रीनेटल विटामिन्स? (Prenatal Vitamins in Hindi)

प्रसवपूर्व विटामिन या प्रीनेटल विटामिन्स गर्भवती महिलाओं के लिए एक तरह की खुराक होती है, जो उनके शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने व गर्भ में पल रहे शिशु के अच्छे स्वास्थ्य व प्रसवपूर्व देखभाल के लिए आवश्यक माने जा सकते हैं। 

उदाहरण के लिए, अगर गर्भवती महिला के शरीर में किसी पोषक तत्व की कमी होती है, जिसे वह दैनिक आहार के जरिए पूरी नहीं कर पा रही है, तो ऐसी परिस्थिति में प्रसवपूर्व विटामिन या प्रीनेटल विटामिन्स का सेवन (Prenatal Vitamins in Hindi) लाभकारी हो सकता है। प्रसवपूर्व विटामिन या प्रीनेटल विटामिन्स शरीर में विभिन्न पोषक तत्वों की मात्रा की पूर्ति करने में मदद कर सकते हैं और स्वस्थ गर्भावस्था आहार की मात्रा को संतुलित बनाए रख सकते हैं। 

इसके अलावा, निम्नलिखित परिस्थितियों में भी प्रसवपूर्व विटामिन या प्रीनेटल विटामिन्स का सेवन आवश्यक हो सकता है जैसेः

  • वेजिटेरियन होने पर 
  • लैक्टोज या अन्य इन्टॉलरेंस होने पर
  • स्मोकिंग की आदत होने पर
  • खून संबंधी विकार होने पर 
  • खाने से जुड़ी समस्या होने पर

प्रेग्नेंसी में क्यों जरूरी प्रसवपूर्व मल्टीविटामिन्स का सेवन (Importance of Prenatal Vitamins Before Pregnancy)

प्रसव पूर्व विटामिन में कई विटामिन और खनिज होते हैं। उनमें फोलिक एसिड, आयरन ,आयोडीन और कैल्शियम विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं। ये विभिन्न विटामिन व खनिज किसी तरह से गर्भवती महिला के शरीर के लिए आवश्यक होते हैं, इसके बारे में नीचे विस्तार से बताया गया है। 

प्रसवपूर्व मल्टीविटामिन्स या प्रीनेटल विटामिन्स में जरूरी चीजें (Essential items in Prenatal Multivitamins or Prenatal Vitamins)

प्रसवपूर्व मल्टीविटामिन्स या प्रीनेटल विटामिन्स (Prenatal Vitamins For Pregnancy in Hindi) में फोलिक एसिड समेत आयरन, विटामिन डी व कैल्शियम जैसे पोषक तत्वों को शामिल किया जा  सकता है। आमतौर पर हम हमारे दैनिक आहार के जरिए इन पोषक तत्वों की पूर्ति कर सकते हैं, लेकिन अगर किसी कारणवश इन पोषक तत्वों की पूर्ती आहार के जरिए नहीं होती है, तो प्रसवपूर्व मल्टीविटामिन्स या प्रीनेटल विटामिन्स (Prenatal Vitamins Benefits in Hindi) का सेवन किया जा सकता है। 

प्रीनेटल विटामिन
प्रीनेटल विटामिन / चित्र स्रोतः फ्रीपिक

1. फोलिक एसिड (Folic Acid)

प्रेग्नेंसी में फोलिक एसिड के फायदे (Folic Acid For Pregnancy in Hindi) शिशु में तंत्रिका ट्यूब जन्म दोष को रोकने में मदद कर सकता है, जो मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को प्रभावित करता है। गर्भाधान के बाद पहले 28 दिनों में तंत्रिका ट्यूब दोष विकसित हो सकते हैं। ऐसे में गर्भस्थ शिशु को तंत्रिका से जुड़ी कोई समस्या न हो, इसके लिए यह सिफारिश की जाती है कि कोई भी महिला जो गर्भवती हो सकती हैं, उन्हें रोजाना 400 माइक्रोग्राम (एमसीजी) फोलिक एसिड का सेवन करना चाहिए। यह खुराक गर्भाधान से पहले शुरू कर सकती हैं और गर्भावस्था के पहले 12 हफ्तों तक जारी रख सकती हैं।

फोलिक एसिड वाले खाद्य पदार्थों में हरी पत्तेदार सब्जियां, ड्राई फ्रूट्स ,बीन्स, खट्टे फल जैसे आहार शामिल किए गए हैं।

2. कैल्शियम (Calcium)

प्रसव पूर्व आहार (Prenatal Vitamins in Hindi) में गर्भवती महिला के लिए कैल्शियम भी महत्वपूर्ण माना गया है। गर्भावस्था के दौरान कैल्शियम हड्डियों को मजबूत बनाए रखता है और शिशु के हड्डियों के विकास में भी मदद कर सकता है। गर्भावस्था में कैल्शियम की पूर्ती करने के लिए दूध, दही, मक्खन, पनीर और दालों का सेवन किया जा सकता है। 

3. आयरन (Iron)

गर्भावस्था के दौरान शरीर में आयरन की आवश्यकता बढ़ जाती है। जिस वजह से सिर्फ दैनिक आहार के जरिए इसकी पूर्ति नहीं की जा सकती है। वहीं, शरीर में आयरन की कमी से एनीमिया यानी खून की कमी हो सकती है, जो गर्भावस्था की जटिलताओं को बढ़ा सकता है। इसके कारण प्रसवपूर्व प्रसव, जन्म के समय कम वजन या शिशु मृत्यु का भी जोखिम हो सकता है।

गर्भावस्था के दौरान शरीर में आयरन की पूर्ति करने के लिए गर्भवती महिलाएं रेड मीट, चिकन, मछली, हरी पत्तेदार सब्जियां और फलियों का सेवन कर सकती हैं। इसके अलावा, गर्भावस्था में आयरन कब लेना चाहिए इस बारे में वह अपने डॉक्टर की भी सलाह ले सकती हैं। 

4. विटामिन सी (Vitamin C)

गर्भावस्था के दौरान विटामिन सी (Vitamin C in Pregnancy in hindi) का सेवन करने से विभिन्न संक्रामक बीमारियों के होने का खतरा कम किया जा सकता है। साथ ही, गर्भस्थ शिशु का मानसिक विकास भी स्वस्थ बना रह सकता है। गर्भवती महिलाएं प्रतिदिन 80 से 85 मिलीग्राम की मात्रा में विटामिन सी का सेवन कर सकती हैं।

विटामिन सी के अच्छे स्रोतों में शामिल हैं, संतरा, स्ट्रॉबेरीज, ब्‍लैक करंट, ब्रोकली, आलू।

5. विटामिन डी (Vitamin D)

विटामिन डी भी प्रसव पूर्व आहार (Prenatal Vitamins in Hindi) का हिस्सा है। यह माँ व बच्चे की हड्डियों और दांतों के विकास के लिए महत्वपूर्ण होता है। यह वसा में घुलनशील विटामिन कैल्शियम और फॉस्फोरस के स्तर को बनाए रखने में मदद कर सकता है। बता दें कि विटामिन डी की कमी से रिकेट्स का जोखिम हो सकता है। रिकेट्स कमजोर व लचीली हड्डियों की बीमारी है, जिससे जिससे फ्रैक्चर और विकृति हो सकती है।

इसके अलावा, अगर गर्भवती महिला के शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाए, तो हड्डी की असामान्य वृद्धि और शारीरिक विकास में देरी भी हो सकती है। विटामिन डी के तौर पर गर्भवती महिलाएं सैल्मन, मैकेरल, हेरिंग फिश व अंडा और रेड मीट खा सकती हैं। 

6. आयोडीन (Iodine)

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के स्वस्थ थायरॉयड के लिए आयोडीन महत्वपूर्ण माना गया है। आयोडीन की कमी से शारीरिक विकास, गंभीर मानसिक विकलांगता और बहरापन हो सकता है। इसके अलावा, पर्याप्त आयोडीन की मात्रा से गर्भपात व स्टिलबर्थ के जोखिम को भी दूर किया जा सकता है। 

गर्भवती महिलाएं आयोडीन की पूर्ति के लिए डेरी उत्पाद जैसे – चीज, दही, पनीर, आयोडीन युक्त नमक, अंडे का सेवन कर सकती हैं।

7. ओमेगा 3 (Omega 3)

गर्भावस्था के दौरान ओमेगा 3 का सेवन करने से समयपूर्व प्रसव जैसे जोखिम कम किए जा सकते हैं। ओमेगा 3 की पूर्ति के लिए खासतौर पर मछली का तेल (Fish Oil) या कॉड लिवर ऑयल का सेवन किया जा सकता है। पर ध्यान रखें कि गर्भावस्ता में ओमेगा 3 या किसी भी अन्य मल्टीविटामिन्स का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

आपको प्रसव पूर्व विटामिन कब लेना शुरू करना चाहिए? (When Should You Start Taking Prenatal Vitamins in Hindi)

प्रेग्नेंसी प्लानिंग करने से पहले ही महिलाएं प्रसव पूर्व विटामिन यानी प्रीनेटल विटामिन की खुराक लेना शुरू कर सकती हैं। इसके अलावा, गर्भावस्था के 3 से 4 सप्ताह के दौरान प्रीनेटल विटामिन की खुराक की अवश्यकता सबसे अधिक हो सकती है। दरअसल, इस दौरान गर्भ में भ्रूण का विकास तेजी से होता है और उसके मस्तिष्क व रीढ़ का विकास हो रहा होता है। 

इसके अलावा, अगर गर्भावस्था से पहले या गर्भावस्था के दौरान किसी तरह की दवा का सेवन करती हैं, तो प्रीनेटल विटामिन लेने से पहले अपने डॉक्टर की उचित सलाह जरूर लें।

प्रसवपूर्व विटामिन के दुष्प्रभाव क्या हैं? (Side Effects of Prenatal Vitamins in Hindi)

अगर सही समय पर व संतुलित खुराक की मात्रा में प्रसवपूर्व विटामिन का सेवन किया जाए, तो इसके दुष्प्रभाव कम से कम देखे जा सकते हैं। हालांकि, कुछ स्थितियों में प्रीनेटल विटामिन लेने के दुष्प्रभाव भी अनुभव किए जा सकते हैं, जिनमें शामिल हो सकते हैंः

प्रीनेटल विटामिन
प्रीनेटल विटामिन / चित्र स्रोतः फ्रीपिक
  • आयरन की अधिकता से कब्ज होना
  • जी मिचलाना
  • दस्त होना
  • कैल्शियम की अधिकता से गहरे रंग का मल होना
  • भूख में कमी होना
  • पेट खराब होना
  • पेट में ऐंठन होना

प्रसव पूर्व आहार हर गर्भवती महिला के लिए आवश्यक माना गया है। जाहिर है कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर को पोषक तत्वों के खुराक की आवश्यकता अधिक हो जाती है, जिन्हें सिर्फ दैनिक आहार के जरिए पूरा नहीं किया जा सकता है। ऐसे में गर्भवती महिलाएं अपने डॉक्टर की सलाह पर प्रीनेटल विटामिन ले सकती हैं।

इसी लेख में अंग्रेजी में पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें : Prenatal Vitamins

A

gallery
send-btn

Suggestions offered by doctors on BabyChakra are of advisory nature i.e., for educational and informational purposes only. Content posted on, created for, or compiled by BabyChakra is not intended or designed to replace your doctor's independent judgment about any symptom, condition, or the appropriateness or risks of a procedure or treatment for a given person.