8 Jul 2022 | 1 min Read
Vinita Pangeni
Author | 554 Articles
बच्चों में लैक्टोज इनटॉलेरेंस (Lactose Intolerance) क्या है और लैक्टोज इनटॉलेरेंस के कारण, लक्षण और बचाव के बारे में हमने विस्तार से इस लेख में बात की है। साथ ही किस तरह से बच्चों में लैक्टोज इनटॉलेरेंस का पता लगाया जा सकता है, इस बात का जिक्र भी किया है। आप नीचे स्क्रॉल करके लैक्टोज असहिष्णुता से जुड़ी सारी जानकारी हासिल कर सकते हैं।
अगर बच्चा को ऐसे खाद्य पदार्थों नहीं पचा पाता है, जिसमें लैक्टोज है तो यह लैक्टोज इनटॉलेरेंस कहलाएगा। यह लैक्टोज एक प्रकार का शुगर है, जो दूध और अन्य डेयरी खाद्य पदार्थों में होता है। दरअसल, शरीर को लैक्टोज पचाने के लिए लैक्टेज एंजाइम की आवश्यकता पड़ती है। अगर बच्चे की आंत में इस एंजाइम की कमी होगी, तो उसे लैक्टोज असहिष्णुता होगी।
नहीं, यह दोनों अलग हैं। हां, लैक्टोज असहिष्णुता और दूध एलर्जी के लक्षण एक जैसे ही होते है। इसी वजह से अधिकतर लोग इन्हें एक ही मान लेते हैं। लेकिन, लैक्टोज असहिष्णुता पाचन विकार है, जिसमें लैक्टोज शुगर पच नहीं पाता। यह दिक्कत आमतौर पर बचपन में कुछ साल बाद, किशोरावस्था में या वयस्कता में नजर आती है।
मिल्क एलर्जी इसके विपरित एक इम्यून संबंधी विकार है। इसमें प्रतिरक्षा प्रणाली, शरीर में दूध में मौजूद किसी एक या उससे अधिक प्रोटीन के आते ही प्रतिक्रिया करने लगती है। यह शिशुओं और छोटे बच्चों में होना आम है। दूध से एलर्जी होने वाले बच्चे में पित्ती, मुंह में सूजन, घरघराहट, होठों में खुजली, दस्त और उसमें रक्त, आदि शामिल हैं। यह एक प्रकार की एलर्जी होने के कारण गंभीर एलर्जी प्रतिक्रिया एनाफिलेक्सिस का कारण बन सकता है।
चलिए, लेख में आगे बढ़ते हुए लैक्टोज इनटॉलेरेंस के कारण समझते हैं।
लैक्टोज इनटॉलेरेंस होने के कारण और जोखिम कारक पर हम विस्तार से बताएंगे।
लैक्टोज इनटॉलेरेंस के लक्षण के रूप में बहुत-से संकेत दिखते हैं। यह लक्षण दूध या अन्य डेयरी वाले खाद्य पदार्थ लेने के 30 मिनट से लेकर 2 घंटे में यह नजर आ सकते हैं। क्या हैं लैक्टोज असहिष्णुता के लक्षण आगे समझते हैं।
बच्चे में लैक्टोज इनटॉलेरेंस के लक्षण दिखने पर यह संकेत मिलता है कि यह दिक्कत हो सकती है। इस बात की पुष्टि करने के लिए कुछ टेस्ट किया जा सकते हैं। जानिए, कैसे लैक्टोज असहिष्णुता का निदान होता है –
बच्चों में लैक्टोज असहिष्णुता को संभालने के लिए बच्चे की डाइट पर ध्यान देना होगा। यह उपाय कुछ इस तरह के हैं –
बस तो इस तरीके से आप बच्चे में लैक्टोज इनटॉलेरेंस का पता लगा सकते हैं। साथ ही यहां हमने कुछ तरीके भी बताए हैं, जिनकी मदद से लैक्टोज इनटॉलेरेंस को संभाला व इससे बचाव किया जा सकता है। इसी तरह के लेख पढ़ने के लिए बेबीचक्रा का बेस्ट पैरेंटिंग एपलिकेशन डाउनलोड करें।
चित्र स्रोत – pexels
संबंधित लेख :
Breast Milk Composition : समय के साथ बदलती माँ के दूध की संरचना
शिशुओं को फॉर्मूला मिल्क पाउडर पिलाने के पहले जान ले ये बातें
अगर बच्चा दूध पीना नहीं चाहता तो कैल्शियम की कमी को कैसे पूरा करेंगे?
शिशुओं में रिफ्लक्स या दूध उलटना क्या बीमारी है?
0
Like
0
Saves
0
Shares
A