27 Apr 2022 | 1 min Read
Ankita Mishra
Author | 409 Articles
बेशक नॉर्मल डिलीवरी प्रसव का सबसे सुरक्षित तरीका है, लेकिन आज के समय में सिजेरियन डिलीवरी आम हो गई है। सी-सेक्शन या सिजेरियन सेक्शन एक तरह की सर्जिकल डिलीवरी है। इसमें पेट और गर्भाशय पर एक छोटे चीरे के जरिए बच्चे को गर्भ से बाहर निकाला जाता है।
वैसे तो अधिकांश मामलों में सी-सेक्शन प्लानिंग के जरिए होती है, हालांकि, कुछ परिस्थितियों में सी-सेक्शन का निर्णय तत्काल रूप से भी लिया जा सकता है। अगर आप भी नियोजित सी-सेक्शन के जरिए माँ बनना चाहती हैं, तो बेहतर होगा कि अपने डॉक्टर से इस बारे में कुछ जरूर प्रश्न पूछें।
सी-सेक्शन डिलीवरी के बारे में सभी शंकाओं को दूर करने के लिए अपने डॉक्टर से पूछे जाने वाले कुछ सामान्य प्रश्नों के बारे में अधिक जानने के लिए पढ़ें।
यहां हम एक सफल मॉम और न्यूट्रिशन एक्सपर्ट डॉक्टर पूजा से पूछे गए सवाल-जवाब बता रहे हैं। डॉक्टर पूजा खुद दो बच्चों की माँ हैं और पेशे से मैटरनल केयर और चाइल्ड न्यूट्रिशन एक्सपर्ट हैं। इस क्षेत्र में इन्हें 10 वर्ष से भी अधिक का अनुभव है। साथ ही, बतौर न्यूट्रिशन एक्सपर्ट वे दूसरी माँ के स्वास्थ्य का भी ख्याल रखती हैं।
“सी-सेक्शन के बाद नई माँ को कम से कम छह सप्ताह तक आराम करना चाहिए। ताकि, टांकों को भरने में पूरा समय मिल सके।” हालांकि, कुछ मामलों में इसमें अधिक समय भी लग सकता है। इसलिए, यह सलाह दी जाती है कि डॉक्टर द्वारा दिए गए सलाह के अनुसार नई माँ को अस्पताल व घर में आराम करने की आवश्यकता हो सकती है।
इसके अलावा, अगर नई माँ को गर्भावस्था के दौरान मोटापे या गर्भकालीन मधुमेह की समस्या होती है, तो उन्हें सी-सेक्शन के बाद अधिक आराम करने की आवश्यकता हो सकती है।
“हर कोई जल्द से जल्द अपनी दिनचर्या में वापस आना चाहता है, लेकिन हमें उन गतिविधियों के बारे में सोचना होगा जो हमारे स्वास्थ्य के लिए काम करती हैं।” ध्यान रखें कि अंदरूनी जख्मों को ठीक होने में समय लग सकता है। इसलिए, पेट पर कम से कम दबाव बनाना चाहिए। अगर नई माँ को सी-सेक्शन के बाद व्यायाम या घर के कामों को फिर से शुरू करना है, तो उन्हें रिकवरी तक का इंतजार करना चाहिए और रिकवरी के बाद उन्हें सामान्य गतिविधियां कब से शुरू करनी चाहिए, इसके लिए डॉक्टर की उचित सलाह लेनी चाहिए।
साथ ही, यह भी ध्यान रखें कि सर्जरी के तुरंत बाद पेट पर बहुत अधिक दबाव पड़ने से हर्निया का जोखिम बढ़ सकता है।
आमतौर पर सी-सेक्शन के दौरान स्पाइनल एनेस्थीसिया दिया जाता है। अधिकतर मामलों में इसके कोई साइड इफेक्ट नहीं देखे जाते हैं, लेकिन कुछ मामलों में इसकी वजह से नई माँ को भविष्य में पीठ में दर्द की समस्या हो सकती है।
“हां, एक बार टांकों की रिकवरी होने के बाद नई माँ सी-सेक्शन के बाद व्यायाम कर सकती हैं। पर इसके लिए उन्हें कम से कम 4 महीने तक का इंतजार करना पड़ सकता है। वहीं, नॉर्मल डिलीवरी के बाद 2 महीने बाद ही एक्सरसाइज किया जा सकता है।” हालांकि, इसके लिए स्त्री रोग विशेषज्ञ से अनुमति लेने की आवश्यकता हो सकती है।
इस बारे में डॉक्टर नई माँ को इसकी सलाह दे सकते हैं कि उन्हें कब और किस तरह के व्यायम करने चाहिए।
यह जानने के लिए अपने डॉक्टर से बात कर सकती हैं कि क्या आपकी दूसरी डिलीवरी के लिए पहले वाले की तरह सी-सेक्शन की आवश्यकता होगी या नहीं।
आमतौर पर, सी-सेक्शन (वीबीएसी) के बाद नॉर्मल डिलीवरी संभव है। इसके लिए किस तरह की तैयारी करनी चाहिए, इस बारे में डॉक्टर द्वारा दिए गए सुझावों का पालन किया जा सकता है।
यह एक सामान्य प्रश्न है जो सभी महिलाओं के मन में होता है। शारीरिक संबंध करने की कोशिश करने के लिए डॉक्टर सर्जरी के बाद कम से कम छह सप्ताह या इससे भी अधिक समय तक इंतजार करने की सलाह दे सकते हैं।
सी-सेक्शन के बाद योनि में सूखापन अधिक हो सकता है, जिस वजह से शुरू में सेक्स करने में असहजता और दर्द का अनुभव हो सकता है। ऐसे में अपने डॉक्टर की सलाह पर सुरक्षित सेक्स के बारे में सलाह ली जा सकती है।
“हां, प्रसव का तरीका चाहे नॉर्मल हो या नियोजित सी-सेक्शन, दोनों ही परिस्थितियों में जन्म के तुरंत बाद शिशु को स्तनपान कराना चाहिए।” इसके बाद जब सी-सेक्शन के दो दिन होने के बाद स्पाइनल एनेस्थीसिया का असर कम होने लगे, तो नई माँ शिशु को गोद में भी ले सकती हैं। वहीं, अगर माँ सी-सेक्शन के बाद शिशु को स्तनपान करने में असमर्थ हैं, तो ऐसी स्थिति में शिशु को फॉर्मूला मिल्क भी दिया जा सकता है।
हालांकि, शिशु को फॉर्मूला मिल्क पिलाने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
सी-सेक्शन चाहे नियोजित तरीके से हो या गर्भावस्था की जटिलताओं को देखते हुए विचार किया गया हो, हर परिस्थिति में नई माँ को उचित देखभाल की आवश्यकता होती है। साथ ही, सर्जरी के दौरान व बाद में नई माँ को दैनिक दिनचर्या से जुड़ी किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, उनकी डाइट कैसी होनी चाहिए, इस बारे में भी अपने डॉक्टर की उचित सलाह लेनी चाहिए।
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