26 Sep 2022 | 1 min Read
Mousumi Dutta
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गर्भावस्था एक ऐसा अनुभव होता है, जो महिलाओं को हर तरह के समस्याओं से जुझना सीखा देता है। प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में बहुत तरह के बदलाव होते हैं और यह बदलाव डिलीवरी के बाद भी चलते हैं। डिलीवरी के बाद इन बदलावों में लटका हुआ पेट, शरीर का बेढंगापन, मोटापा आदि आता है । डिलीवरी के बाद पोस्ट प्रेगनेंसी बेल्ट पेट को शेप में लाने में मदद करता है।
प्रेगनेंसी बेल्ट महिला के पेट के चारों ओर बंधा हुआ एक आवरण जैसा होता है और यह पेट के अंगों और मसल्स को सपोर्ट देता है। यह पोस्ट-डिलीवरी बेल्ट के रूप में भी जाना जाता है। यह लंबर सपोर्ट बेल्ट की तरह होता है, जो स्लिप डिस्क के मामले में पहना जाता है। इससे पूरे कमर के क्षेत्र के चारों ओर लपेटा जाता है, स्तनों के ठीक नीचे से शुरू होकर नीचे कूल्हों तक होता है । और इसमें कई वेल्क्रो स्ट्रैप होते हैं जिन्हें आप सुविधा के अनुसार खोल या बंद कर सकते हैं।
गर्भावस्था के दौरान पेट के चारों तरफ जो चर्बी जम जाता है, उसको कम करके शेप में लाने में डिलीवरी के बाद प्रेगनेंसी बेल्ट मदद करता है। हालांकि, इस तरह के बेल्ट का उपयोग करने से कुछ समस्याएं भी उत्पन्न होती हैं:
शायद आप सोच रही होंगी कि डिलीवरी के बाद इस बेल्ट की क्या जरूरत है। आपकी जानकारी के लिए यह बता दें कि डिलीवरी के बाद यह दर्द, स्ट्रेच मार्क्स , साइटिक पेन और ब्लाडर को कंट्रोल में मदद कर सकता है।
डिलीवरी के बाद प्रेगनेंसी बेल्ट कूल्हों और पेट के चारों ओर अच्छी तरह से फिट बैठाने के लिए वेल्क्रो स्ट्रैप होता है। वैसे इसका आकार और प्रकार शरीर के अनुरूप ही होता है।
चलिए अब बात करते हैं डिलीवरी बेस्ट लगाने के फायदे को लेकर:
जल्दी शरीर को शेप में लाने में मदद करता है : डिलीवरी के दौरान, श्रोणि और पेट की मांसपेशियों में खिंचाव होता है। इसलिए मांसपेशियों द्वारा अतिरिक्त खिंचाव सहने के कारण, ये ढीले और सुस्त हो जाते हैं। नौ महीनों में होने वाले लगातार खिंचाव के कारण वे अक्सर ढीले और ढीले होते जाते हैं। डिलीवरी के बाद प्रेगनेंसी बेल्ट मसल्स को फिर से शक्ति प्रदान करने में मदद करता है।
आत्मविश्वास को बढ़ाता है: डिलीवरी के बाद बॉडी का शेप बिगड़ जाने के कारण माँ इस बात का शिकायत करती हैं कि वह अपने पसंदीदा ड्रेस अब पहन नहीं पाती है। प्रेगनेंसी बेल्ट पहनने से बॉडी धीरे-धीरे शेप में आने लगती है।
पेल्विक फ्लोर को सपोर्ट करता है: प्रेगनेंसी के समय बच्चा जितना बड़ा होता है, शरीर के दूसरे अंग थोड़ा जगह से हिल जाते हैं। गर्भावस्था के दौरान हार्मोन में बदलाव पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को सुस्त और ढीला कर देता हैं। इसके कारण यूरिन लिक होने लगता है।
इसके अलावा एक बाद का ध्यान रखें कि वजाइनल डिलीवरी के कम से कम एक दिन बाद डॉक्टर के सलाह पर प्रेगनेंसी बेल्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन सिजेरियन डिलीवरी होने पर डॉक्टर से सलाह लेने के बाद कम से कम छह से आठ हफ्ते के बाद इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
मूल चित्र स्रोत: गुगल
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