13 Mar 2023 | 1 min Read
Mousumi Dutta
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साउथ के सुपरस्टार और ‘RRR’ के हीरो रामचरण ने हाल ही अपनी पिता बनने की खुशखबरी की बात सबसे शेयर की थी। उसके बाद उन्होंने ऐलान किया कि वे अपनी पत्नी उपासना कामिनेनी के साथ भारत में बच्चे का स्वागत करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। उसके बाद अब ऑस्कर 2023 में शामिल होने के लिए उपासना अपने पति रामचरण के साथ पहुँची है। लेकिन मुश्किल की बात यह है कि उपासना कामिनेनी एज (Upasana Kamineni Age) में प्रेगनेंट होने पर प्रेगनेंसी में बहुत तरह के कॉम्प्लिकेशन्स होने की संभावना रहती हैं, इसलिए इस दौरान सफर करने पर खुद को सेफ रखने के लिए प्रेगनेंसी ट्रैवल टिप्स पर ध्यान देने की बहुत जरूरत होती है।
असल में उपासना कामिनेनी एज में प्रेगनेंट होने पर बहुत तरह की जटिलाताओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए प्रेगनेंसी के दौरान होने वाले कॉम्प्लिकेशन्स के बारे में गर्भवती माँ को पूरी तरह से जानकारी होनी चाहिए, उसके ऊपर से प्रेगनेंसी की अवस्था में ट्रैवल करने के दौरान कुछ जरूरी सावधानियाँ बतरने की भी जरूरत होती है। चलिए आज इसके बारे में ही बात करते हैं कि उपासना कामिनेनी एज यानि 30 के बाद प्रेगनेंट होने पर क्या जटिलताएं हो सकती है और इस हालात में सफर करते वक्त किन सावधानियों को बरतना चाहिए।
जिंदगी में पूरी तरह आत्मनिर्भर होने के बाद प्रेगनेंट होने पर 30 के करीब उम्र का पड़ाव आ जाता है। लेकिन मुश्किल की बात यह है कि 30 के बाद प्रेगनेंट होने पर कई प्रकार के कॉम्प्लिकेशन्स का सामना भी करना पड़ सकता है, जैसे कि-
गर्भपात या मिसकैरेज
बर्थ डिफेक्ट
जुड़वा बच्चे
हाई ब्लड प्रेशर
जेस्टेशनल डायबिटीज
लेबर के दौरान समस्या आदि
क्रोमोजोम (गुणसूत्र) में समस्या होने का खतरा– माँ की बढ़ती उम्र के साथ क्रोमोजोम को लेकर समस्या होने का खतरा बढ़ जाता है, फलस्वरूप डाउन सिंड्रोम वाले बच्चे होने की संभावना बन जाती है।
गर्भपात होने का खतरा– इसके दुर्घटना के पीछे भी कारण क्रोमोसोम ही होता है। कुछ अध्ययनों के आधार पर ज्यादा उम्र में गर्भधारण करने पर पहली तिमाही में गर्भपात होने के पीछे क्रोमोसोम में समस्या ही होती है। माँ की बढ़ती उम्र के साथ क्रोमोसोम में भी समस्या उत्पन्न होने लगती है।
उपासना कामिनेनी एज में प्रेगनेंट होने पर सबसे पहले डॉक्टर से बात करके उनके सलाह के अनुसार प्रीनेटल टेस्टिंग कर लेनी चाहिए ताकि इन समस्याओं को समय रहते संभाला जा सके।
अब बात आती है कि अगर उपासना कामिनेनी एज में प्रेगनेंट होने के बाद आपको ट्रैवल करने की जरूरत पड़ी, तो आपको किन-किन बातों का एहतियात बरतना चाहिए।
प्रेगनेंसी के दौरान सफर करने के सबसे सेफ टाइम होता है दूसरी तिमाही (Second Trimester)। लेकिन सफर आप किसी भी तिमाही में करें, सबसे पहले आपको डॉक्टर से बात कर लेनी चाहिए, विशेष रूप से अगर प्रेगनेंसी को लेकर कोई कॉम्प्लिकेशन्स हैं।
-बल्कहेड सीट या बाहर निकलने के पास सीट लेने की कोशिश करें।
-गलियारे वाली सीट बुक करने की कोशिश करें ताकि टॉयलेट जाने में आसानी हो।
-मेडिकल किट अपने पास रखें, जिसमें एंटी-एसिडिटी दवा, कब्ज की दवा, दस्त की दवा, मल्टीविटामिन, ग्लूकोज लेवल चेक करने के लिए डीपस्टिक रखें।
-अपनी सीटबेल्ट को अपने पेट के नीचे पहनें।
– पैर को लंबा करके बैठे और बीच-बीच में स्ट्रेच करते रहें।
-सफर के बीच-बीच में ब्रेक लेनी चाहिए ताकि टॉयलेट वैगरह की जरूरत पूरी हो सके।
-सीट बेल्ट हमेशा लगाएं। लैप सैश को अपनी गोद में और अपने बंप के नीचे बांधें, शोल्डर सैश को अपने बम्प के ऊपर और अपने स्तनों के बीच फिट करें।
-यदि आप सामने वाली सीट पर बैठी हैं, तो कहीं टक्कर लगने वाली स्थिति से खुद को बचाने के लिए में एयरबैग के प्रभाव को कम करने के लिए अपनी सीट को डैशबोर्ड से काफी पीछे रखें।
-यदि आप गाड़ी चला रही हैं, तो अपनी सीट को स्टीयरिंग व्हील से जितना संभव हो सके पीछे रखें, ताकि खुद को सुरक्षित और आराम से ड्राइव करने में सक्षम हो। यह आपके पेट से दूर, स्टीयरिंग व्हील को नीचे की ओर झुकाने में मदद कर सकता है।
अब तो आप समझ ही गए होंगे कि उपासना कामिनेनी एज में यानी 30 के उम्र में प्रेगनेंट होने पर किन-किन बातों का ख्याल रखना चाहिए और कैसे सावधानियाँ बरतनी चाहिए।
मूल चित्र- इंस्टाग्राम_उपासना कामिनेनी
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