8 Nov 2021 | 1 min Read
Ankita Mishra
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नवजात शिशु के संपूर्ण व अच्छे विकास के लिए विटामिन्स और मिनरल्स की भी आवश्यकता होती है। इसलिए, शिशु के विकास में हर विटामिन की अपनी अलग भूमिका होती है। ऐसी उपयोगी विटामिन में एक नाम शामिल है बच्चे के लिए विटामिन डी 3 की खुराक। यही खास वजह भी है कि बेबीचक्रा के इस ब्लॉग में हम आपको बच्चे के लिए विटामिन डी 3 की खुराक व विटामिन डी की कमी के लक्षणों (Vitamin D Ki Kami Ke Lakshan) के बारे में बताने वाले हैं।
साथ ही, इस लेख में आप बच्चों में विटामिन डी की कमी से होने वाले रोग का नाम भी पढ़ेंगे। तो स्क्रॉल करें और पढ़ें बच्चे के लिए विटामिन डी 3 की खुराक से संबंधी अहम जानकारी।
सबसे पहले तो यह समझें कि विटामिन डी क्या है। मुख्य तौर पर हमारे शरीर में विटामिन डी के दो प्रकार पाए जाते हैं, जिनमें शामिल है — विटामिन डी 2 और विटामिन डी 3। जिनके बीच का अंतर नीचे इस तरह बताया गया हैः
दोनों ही तरह के विटामिन डी हड्डियों के साथ ही खून में भी मौजूद होते हैं। वहीं, शिशुओं व छोटे बच्चे के लिए विटामिन डी 3 की खुराक क्यों अहम होती है, यह शरीर के उचित विकास की भागीदारी से जुड़ा है, जैसेः
अगर किसी कारणवश बच्चे के लिए विटामिन डी 3 की खुराक में कमी हो जाए, तो धीरे-धीरे उसके शरीर में विटामिन डी का स्तर भी कम हो सकता है। अगर यही स्तर घटकर 30 नैनोमोल प्रति लीटर से कम हो जाए, तो इसे ही बच्चों के शरीर में विटामिन डी की कमी के लक्षणों (Vitamin D Ki Kami Ke Lakshan) में शामिल किया जा सकता है।
मेडिकल टर्म में इसे बच्चों में विटामिन डी डेफिशिएंसी (Vitamin D Deficiency In Kids) भी कहा जाता है। वहीं, बच्चों में विटामिन डी की कमी के लक्षण होने पर उनकी हड्डियां कमजोर हो सकती हैं, हड्डियों का विकास धीमा हो सकता है और दौरे जैसे स्वास्थ्य परेशानियां होने का जोखिम भी बढ़ सकता है।
बच्चों में विटामिन डी की कमी के लक्षण (Vitamin D Ki Kami Ke Lakshan) निम्नलिखित हो सकते हैं, जैसेः
बच्चों में विटामिन डी की कमी से होने वाले रोग में कई बीमारियों के नाम शामिल हैं। आमतौर पर देखा जाए, तो एक नवजात शिशुि के लिए माँ के गर्भ से ही उसके लिए विटामिन डी की उचित खुराक की पूर्ति होनी चाहिए। इसके बाद जन्म के शुरू के 6 माह तक बच्चे के लिए विटामिन डी 3 की खुराक माँ का स्तनपान होता है।
ऐसे में अगर गर्भावस्था के दौरान या स्तनपान के दौरान माँ के शरीर में विटामिन डी की कमी होती है, तो इसका सीधा असर माँ के स्वास्थ्य के साथ ही बच्चे के स्वास्थ्य पर भी देखा जा सकता है। इसके कारण बच्चों में विटामिन डी की कमी से होने वाले रोग निम्नलिखित हो सकते हैंः
बच्चों में विटामिन डी की कमी के कारण कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैंः
बच्चों में विटामिन डी की कमी को कैसे दूर करें, मौजूदा समय में इसके कई सफल इलाज की प्रक्रिया व उपाय उपलब्ध हैं। यही वजह है कि अगर किसी बच्चे में विटामिन डी की कमी के लक्षणों (Vitamin D Ki Kami Ke Lakshan) की पहचान होती है, तो बिना चिंतित हुए आसानी से उसका उपचार किया जा सकता है। नीचे हम बच्चों में विटामिन डी की कमी को कैसे दूर करें, इसके कुछ कारगर इलाज व उपाय बता रहे हैं।
सुबह व शाम के समय बच्चे को कम से कम कुछ मिनट के लिए धूप में ले जाएं। इसका एक सबसे अच्छा तरीका है, बच्चे को आउटडोर गेम्स खेलने के लिए प्रोत्साहित करना। दरअसल, जब बच्चा घर के बाहर खेल खेलेगा, तो वह आसानी से सूर्य की रोशनी के संपर्क में आ सकता है और इस तरह विटामिन डी की कमी के लक्षणों (Vitamin D Ki Kami Ke Lakshan) को दूर किया जा सकता है।
स्तानपान कराने वाली माँ से लेकर बच्चे की डाइट में भी विटामिन डी के आहार शामिल करें। विटामिन डी के आहार आसानी से बच्चों में विटामिन डी की कमी के लक्षण (Vitamin D Ki Kami Ke Lakshan) दूर कर सकते हैं और विटामिन डी की कमी से होने वाले रोग का जोखिम भी कम कर सकते हैं।
निम्नलिखित खाद्यों को विटामिन डी के आहार में शामिल किया जा सकता है, जैसेः
अगर बच्चे के लिए विटामिन डी 3 की खुराक खाद्य के जरिए पूरी नहीं हो पा रही है, तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर की सलाह के अनुसार बच्चे को विटामिन डी सप्लीमेंट्स दिया जा सकता है। विटामिन डी सप्लीमेंट्स शरीर में विटामिन डी की कमी को पूरा कर सकते हैं और विटामिन डी की कमी से होने वाले रोग से न सिर्फ बचाव कर सकते हैं, बल्कि उनके इलाज में भी मदद कर सकते हैं।
बच्चे के लिए विटामिन डी की खुराक कितनी होनी चाहिए, यह बच्चे की उम्र के अनुसार निरधारित किया जा सकता है, जो इस प्रकार हैंः
नोटः ध्यान रखें कि प्रतिदिन बच्चों के लिए विटामिन डी की खुराक 600 IU की मात्रा तक की सीमित रखें। इससे अधिक मात्रा में बच्चों को विटामिन डी की खुराक देना उनके लिए हानिकारक हो सकता है।
उम्र के अनुसार बच्चों के लिए विटामिन डी के आहार उनकी डाइट में शामिल किए जा सकते हैं। ध्यान रखें कि जब तक बच्चा 6 माह से अधिक उम्र का न हो जाए, तब तक बच्चे के लिए विटामिन डी 3 की खुराक माँ का स्तनपान ही होता है। इसलिए, इस दौरान माँ की डाइट में विटामिन डी के आहार उचित मात्रा में जरूर शामिल करें।
6 माह से अधिक उम्र के शिशुओं की डाइट में शामिल किए जाने वाले विटामिन डी के आहार
1 वर्ष व उससे अधिक आयु के बच्चों की डाइट में शामिल किए जाने वाले विटामिन डी के आहार
तो आप जान चुके हैं कि बच्चे के लिए विटामिन डी 3 की खुराक क्यों जरूरी है और विटामिन डी की कमी के लक्षणों (Vitamin D Ki Kami Ke Lakshan) की कैसे पहचान की जाए। एक बात और ध्यान रखें कि अगर बच्चे की डाइट में विटामिन डी के आहार की अधिक मात्रा शामिल की जाए, तो इससे उसे गुर्दे में पथरी होने का जोखिम हो सकता है। इसलिए, बच्चों में विटामिन डी की कमी के लक्षण (Vitamin D Ki Kami Ke Lakshan) दिखाई देने पर डॉक्टर से संपर्क करें और उनकी सलाह के अनुसार बच्चे की डाइट में विटामिन डी के आहार व सप्लीमेंट्स शामिल करें।
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