27 Jan 2023 | 1 min Read
Mousumi Dutta
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बच्चे को जन्म देने के पहले और बाद में हर गर्भवती महिला के मन में यह सवालों का उफान उठता है कि नॉर्मल डिलीवरी के बाद 24 घंटों के दौरान क्या-क्या शारीरिक समस्याएं होती है, या उस दौरान क्या करना और क्या नहीं। टेंशन ना ले प्यारी मॉम, हम इस लेख में सवाल-जवाबों के माध्यम से पूरी कोशिश करेंगे कि आपके जिज्ञासाओं का जवाब मिल जाए।
आपके जानकारी के लिए बता दें कि नॉर्मल डिलीवरी के बाद और सिजेरियन डिलीवरी के बाद शारीरिक समस्याएं या देखभाल के तरीकों में थोड़ा अंतर होता है। आज हम बात करेंगे नॉर्मल डिलीवरी के बाद क्या होता है।
अगर डिलीवरी में कोई कॉम्प्लिकेशन्स न हुआ हो तो, बच्चे को जन्म देने के बाद बर्थ रूम में जो होता है, वह लगभग सभी माँ के साथ एक जैसा ही होता है। जन्म देने के बाद शिशु को माँ के छाती पर पेट के बल लिटाकर स्किन टू स्किन कॉन्टैक्ट कराया जाता है। उस दौरान डॉक्टर पेरिनेम और वजाइना की जाँच करते हैं कि कोई टांका आदि देना पड़ेगा कि नहीं।
आपकी दाई आपके बच्चे और आपकी नाड़ी और रक्तचाप की जांच करेगी, और योनि से खून की कमी और आपके फंडस (गर्भाशय के ऊपर) की मजबूती की जांच करेगी। वे आपके शिशु की सिर से पांव तक पूरी जांच भी करेंगे। यदि आपका शिशु जन्म के समय स्वस्थ है, तो यह तुरंत होने की आवश्यकता नहीं है।
यदि आप स्तनपान कराना चुनते हैं तो आपकी दाई आपके बच्चे को दूध पिलाने में आपकी मदद कर सकती है।
जन्म के बाद हर महिला की मानसिक और शारीरिक हालत अलग-अलग होती है। नॉर्मल डिलीवरी के बाद कोई खुश रहती है तो कोई भावनात्मक रूप से थकी हुई होती है।
किसी-किसी को बहुत ब्लीडिंग होती है, इसको ‘लोचिया’ कहा जाता है। जन्म देने के 24 घंटों में किसी-किसी को लोचिया क्लॉट के रूप में निकलता है। अगर ब्लड क्लॉट बहुत बड़ा और ज्यादा हो रहा है तो अपने डॉक्टर को इसके बारे में जरूरी बताएं। ऐसा ब्लीडिंग 4 से 6 हफ्ते तक चल सकता है। लेकिन इस दौरान एक बात का ध्यान रखना चाहिए कि गंदा हाथ कभी भी प्राइवेट पार्ट में न डालें। पहले हाथों को धो लेना सेफ होता है।
कुछ महिलाओं को जन्म के बाद दर्द होता है क्योंकि गर्भाशय गर्भावस्था से पहले के आकार में सिकुड़ना शुरू कर देता है। जन्म के बाद का दर्द प्रसव पीड़ा या हल्का दर्द जैसा महसूस हो सकता है। यदि आपका दूसरा या तीसरा बच्चा हो रहा है, तो वे शायद आपके पहले बच्चे के जन्म के बाद के दर्द से अधिक होगा। इसके लिए पीठ या पेट पर गर्म सेंक देने से आराम मिल सकता है।
जन्म देने के बाद पहले 24 घंटों में पेरिनियम में सूजन हो सकता है, इसके लिए आप ये टिप्स फॉलो कर सकते हैं-
आराम – दर्द और सूजन को कम करने में मदद के लिए लेट जाएं।
बर्फ – सूजन को कम करने के लिए हर 2 से 4 घंटे में 20 मिनट के लिए आइस पैक लगाएं।
कंप्रेशन – अतिरिक्त सहायता के लिए फर्म-फिटिंग अंडरवियर और 2 से 3 मैटरनिटी पैड पहनें।
व्यायाम – जितनी जल्दी हो सके पेल्विक फ्लोर व्यायाम शुरू करें, लेकिन निश्चित रूप से पहले कुछ दिनों के भीतर करने से पहले डॉक्टर से बात कर लें।
अगर पेरिनेम में दर्द हो रहा है तो चिंता करने की जरूरत नहीं है, 1-2 हफ्ते के बीच में टांके घुल जाएंगे। नॉर्मल डिलीवरी होने पर टांको को नहाने के समय धोएं और धीरे से थपथपाकर सुखाएं। अच्छी तरह से फाइबर युक्त खाना खाएं और ढेर सारा पानी पिएं ताकि मल नरम हो। शौचालय पर दबाव डालने से बचें और कब्ज होने पर जुलाब का सेवन करें। ब्रेस्ट से कोलोस्ट्रोम का उत्पादन शुरू होगा, जो बच्चे के लिए जरूरी होता है।
नॉर्मल डिलीवरी के बाद माँ की देखभाल करने के लिए क्या करना चाहिए और क्या नहीं, इसके बारे में जानकारी के अलावा बेबी-केयर संबंधी और जानकारियों, प्रेगनेंसी से जुड़ी समस्याओं के समाधान, और पेरेंटिग संबंधित जानकारियों के लिए बेबीचक्रा ऐप या वेबसाइट को सब्सक्राइब करें और टेंशन फ्री होकर प्रेगनेंसी और पेरेंटिंग जर्नी को एन्जॉय करें।
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