7 Jun 2022 | 1 min Read
Ankita Mishra
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Medically reviewed by
Mousumi Dutta
यह तो आप जानते ही हैं कि म्यूजिक सुनने से हर तरह का मूड खुशनुमा हो जाता है। लेकिन, क्या आप पेरिनेटल म्यूजिक थेरेपी (Perinatal Music Therapy) यानी गर्भावस्था और शिशुओं के लिए संगीत चिकित्सा के लाभ जानते हैं! अगर नहीं, तो चलिए गर्भावस्था के दौरान म्यूजिक सुनना किस तरह से गर्भवती महिला व गर्भस्थ शिशु के लिए लाभकारी हो सकता है, इसके बारे में यहां पर पढ़ते हैं।
पर सबसे पहले आपको बता दें कि संगीत चिकित्सा के लाभ को बढ़ाने के लिए हर साल 21 जून के दिन को वर्ल्ड म्यूजिक डे (World Music Day) यानी विश्व संगीत दिवस के रूप में मनाया जाता है। विश्व संगीत दिवस की शुरुआत पहली बार 1982 में फ्रांस में हुई थी, जिसका श्रेय उस समय के प्रभावी सांस्कृतिक मंत्री जैक लो को दिया जाता है।
इस बात से मैटरनिटी एक्सपर्ट व न्यूट्रीनिस्ट डॉक्टर पूजा मराठे भी अपनी सहमति देती हैं कि गर्भावस्था के पूरे चरणों में संगीत सुनना लाभकारी हो सकता है। चलिए आगे जानते हैं गर्भावस्था और शिशुओं के लिए संगीत चिकित्सा के लाभ (Perinatal Music Therapy) क्या-क्या हो सकते हैं, विस्तार से।
पेरिनेटल म्यूजिक थेरेपी (Perinatal Music Therapy) प्रसवकालीन तनाव, चिंता और अवसाद के नियंत्रण में मददगार हो सकती है। रिसर्च के अनुसार, अगर कोई महिला गर्भावस्था के दिनों में अवसाद या चिंता महसूस करती है, तो उसे गर्भावस्था के दौरान म्यूजिक सुनना चाहिए। संगीत चिकित्सा के लाभ गर्भवती के मानसिक व भावनात्मक परिस्थितियों में बदलाव ला सकते हैं और मन में सकारात्मक विचार बढ़ा सकते हैं।
गर्भावस्था और शिशुओं के लिए संगीत चिकित्सा के लाभ माँ और बच्चे के बीच पेरेंटिंग बॉन्डिंग को मजबूत कर सकते हैं। दरअसल, गर्भवती महिला संगीत सुनते-सुनते उसे अक्सर गुनगुनाना भी शुरू कर सकती हैं। वहीं, गर्भ में 3 से 4 माह के भ्रूण पेट की बाहर की आवजों को सुनना शुरू कर सकते हैं। ऐसे में संगीत के जरिए गर्भस्थ शिशु अपनी माँ की आवाज को बेहतर तरीके से सुन सकता है और दोनों के बीचे के रिश्ते को मजबूत कर सकता है।
ऐसा भी माना जाता है कि गर्भावस्था के दौरान म्यूजिक सुनना यानी पेरिनेटल म्यूजिक थेरेपी (Perinatal Music Therapy) भ्रूण के मस्तिष्क विकास में भी मदद कर सकता है। ऐसे में जन्म के बाद अधिक होशियार, सतर्क व बेहतर सोच-विचार की क्षमता वाले हो सकते हैं। साथ ही उन्हें याद रखने में भी अधिक आसानी हो सकती है।
यानी एक तरह से ऐसा कहा जा सकता है कि गर्भावस्था और शिशुओं के लिए संगीत चिकित्सा के लाभ बच्चे को स्मार्ट बना सकते हैं।
ऐसा भी कहा जाता है कि गर्भावस्था के दौरान माँ किस तरह का संगीत सुनती यह न सिर्फ उसके पर्सनालिटी को बल्कि बच्चे के पर्सनालिटी डेवलपमेंट में भी मदद कर सकता है। उदाहरण के लिए, अगर सूदिंग व सॉफ्ट टाइप का संगीत सुना जाए, तो इससे माँ और बच्चे दोनों का ही स्वाभाव शांत व स्थिर हो सकता है। वहीं, बहुत तेज और भड़काऊ म्यूजिक सुनने से दोनों ही स्वाभाव से चिड़चिड़े हो सकते हैं।
अगर माँ गर्भावस्था के दौरान म्यूजिक सुनना पसंद करती थी, तो वह उसी संगीत का इस्तेमाल जन्म के बाद बच्चे को शांत करने व उसे सुलाने के लिए भी कर सकती है। यह ठीक किसी लोरी की तरह काम कर सकती है।
कुछ लोगों में पेरिनेटल म्यूजिक थेरेपी (Perinatal Music Therapy) यानी संगीत चिकित्सा के लाभ से जुड़ी कुछ भ्रांतियां भी फैली हुई हैं। लोगों में ऐसा डर देखा जाता है कि गर्भावस्था के दौरान म्यूजिक सुनना गर्भ में बच्चे की हलचल को प्रभावित कर सकता है।
बता दें कि ऐसा सिर्फ मिथक है। प्रसवपूर्व संगीत चिकित्सा से भ्रूण और नवजात की स्थिति नहीं बदलती है। हालांकि, गर्भ में शिशु की हचलच को संगीत चिकित्सा के लाभ (Perinatal Music Therapy) से बेहतर जरूर बनाया जा सकता है।
गर्भावस्था के दौरान म्यूजिक सुनना (Perinatal Music Therapy) कई तरह से गर्भवती की मानसिक अवस्था को स्थिर बनाए रख सकती है। साथ ही, गर्भावस्था और शिशुओं के लिए संगीत चिकित्सा के लाभ शिशु के मानसिक विकास में भी मददगार हो सकते हैं।
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