22 Jun 2022 | 1 min Read
Ankita Mishra
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प्रसव के बाद अवसाद (Postpartum Depression in Hindi) होना क्या है, इस बारे में हर महिला को पता होना चाहिए। इसमें कोई दोराय नहीं है कि गर्भावस्था व माँ बनने के बाद एक महिला की जीवन पूरी तरह से बदल जाता है। माँ बनने की खबर उनके लिए सबसे बड़ी खुशी होती है। पर गर्भवती होने से लेकर माँ बनने तक का सफर बहुत मुश्किल होता है, जो डिप्रेशन होने के शुरुआती लक्षण भी उत्पन्न कर सकता है।
यह सफर कई तरह की शारीरिक व मानसिक समस्याओं से घिरा होता है। यही वजह है कि डिलीवरी के बाद डिप्रेशन (Postpartum Depression in Hindi) की समस्या भी देखी जाती है। प्रसव के बाद के अवसाद (Postpartum Depression in Hindi) क्यों होता है व डिप्रेशन होने के शुरुआती लक्षण (Postpartum Depression Symptoms in Hindi) क्या हैं, इसी के बारे में यहां विस्तार से बताया गया है।
डिलीवरी के बाद डिप्रेशन (Postpartum Depression in Hindi) क्यों होता है, यह शारीरिक कारणों से लेकर सामाजिक व आर्थिक स्थितियों से भी संबंधित हो सकता है।
डिलीवरी के बाद डिप्रेशन होने के शुरुआती लक्षण (Postpartum Depression Symptoms in Hindi) निम्नलिखित हो सकते हैं। हालांकि, ऐसा माना जाता है कि अगर नई माँ को किसी सामान्य वजह से डिलीवरी के बाद डिप्रेशन होता है, तो वह एक से दो हफ्तों में आप दूर भी हो सकता है। प्रसवोत्तर अवसाद के लक्षण इस प्रकार हैं:
हां, डिलीवरी के बाद डिप्रेशन (Postpartum Depression in Hindi) का इलाज किया जा सकता है। इसके लिए मानसिक थेरेपी से लेकर, क्लीनिकल दवाओं व होम्योपैथी का तरीका भी अपनाया जा सकता है।
डिलीवरी के बाद डिप्रेशन के इलाज के लिए थेरेपी का सहारा भी लिया जा सकता है। इसमें खासतौर पर संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी (Cognitive Behavioral Therapy) को शामिल किया जा सकता है। इस तरह की थेरेपी में मनोरोग विशेषज्ञ ग्रुप काउंसलिंग व महिला के साथ बातचीत के जरिए उसके डिप्रेशन के कारण व जोखिम को समझ सकते हैं और फिर उसी के आधार पर इसके इलाज की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं।
आमतौर पर संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी के जरिए मन में आने वाले नकारात्मक व्यवहार व विचारों को दूर करने का प्रयास किया जाता है।
डिलीवरी के बाद डिप्रेशन के लिए औषधीय उपचार में सिलेक्टिव सेरोटोनिन रिअपटेक इनहिबिटर (Selective Serotonin Reuptake Inhibitors) जैसे एंटीडिप्रेसेंट दवाओं (Antidepressant Medication) की खुराक दी जा सकती है। हालांकि, इन दवाओं की खुराक हमेशा डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही देनी चाहिए।
होम्योपैथी विशेषज्ञ रचना जाधव पाटिल के अनुसार, प्रसव के बाद अवसाद और होम्योपैथी (Postpartum Depression & Homeopathy) का गहरा संबंध भी देखा जा सकता है। विभिन्न शोध यह बताते हैं कि डिलीवरी के बाद सेक्स की इच्छा में कमी या अन्य अवसाद, तनाव व चिंता जैसे लक्षण होने पर होम्योपैथी मेडिसन के इस्तेमाल करना लाभकारी हो सकता है। दरअसल, ऐसा माना जाता है कि होम्योपैथी की खुराक न सिर्फ शारीरिक समस्या के आधार पर तय की जाती है, बल्कि मानसिक स्थिति को देखते हुए भी इसकी खुराक तय की जाती है।
प्रसव के बाद अवसाद दूर करने में होम्योपैथी नीचे बताए गए लक्षणों को कम करके इसका उपचार कर सकती है, जिसमें शामिल हैः
प्रसव के बाद अवसाद और होम्योपैथी (Postpartum Depression & Homeopathy) के बीच गहरे संबंध को अधिक विस्तार से जानने के लिए होम्योपैथी विशेषज्ञ रचना जाधव पाटिल का देखें यह वीडियो।
प्रसव के बाद डिप्रेशन होना (Postpartum Depression in Hindi) ही सामान्य हो सकता है। यह सामान्य स्तर से लेकर गंभीर स्तर का भी हो सकता है। हालांकि, अगर आपको प्रसव के बाद डिप्रेशन होने के शुरुआती लक्षण (Postpartum Depression Symptoms in Hindi) से बचाव करना है, तो निम्न बातों का ध्यान रख सकती हैंः
डिलीवरी के बाद डिप्रेशन (Postpartum Depression in Hindi) की समस्या की समस्या किसी भी महिला को हो सकती है। इसलिए, अगर खुद में प्रसव के बाद के अवसाद के लक्षण नजर आते हैं, तो इस बारे में अपने साथी, दोस्तों व करीबी परिवार के सदस्यों के साथ बातचीत करें। हो सके तो कुछ समय के लिए कहीं बाहर घूमने की योजना भी बना सकती हैं। इसके अलावा, अगर बच्चे की देखभाल करने में परेशानी होती है, तो नर्स या आया की मदद भी ले सकती हैं।
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