23 Mar 2023 | 1 min Read
Mousumi Dutta
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हर महिला के लिए प्रेगनेंसी उसकी जिंदगी की सबसे खूबसूरत और नायाब परिवर्तन होता है। आपके शरीर में जिस जीवन का विकास हो रहा है, वह कुछ महीनों बाद आपके गोद में होगा। लेकिन कहते हैं कि फूल के साथ काँटा होता है, वैसे ही हर खुशी के साथ दर्द या कष्ट भी होता है। प्रेगनेंसी में उल्टी गर्भावस्था के दौरान कष्ट का एक रूप है।
प्रेगनेंसी ग्लो, काले घने बाल, नई जिंदगी को गोद में पाने की खुशी के साथ प्रेगनेंसी में उल्टी जिंदगी को संघर्षमय बना देता है। लेकिन अब सबसे जरूरी सवाल जो सामने आता है, वह है प्रेगनेंसी में उल्टी कब से शुरू होती है और क्यों होती है।
अध्ययनों की बात माने तों पहली तिमाही से ही कुछ महिलाओं को उल्टी या मतली की समस्या शुरू हो जाती है। प्रेगनेंसी की शुरूआत में उल्टी की समस्या को मॉर्निंग सिकनेस भी कहा जाता है।
प्रेगनेंसी में उल्टी होना, वह भी गर्भावस्था के शुरूआत में यह संकेत देता है कि हॉर्मोन का स्तर बढ़ने लगा है और यह हेल्दी प्रेगनेंसी का संकेत है।
स्टडी से यह पता चलता है कि गर्भावस्था के दौरान मतली और उल्टी की परेशानी ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (एचसीजी) नामक प्लेसेंटा द्वारा उत्पादित हार्मोन के प्रभाव के कारण हो सकती है। गर्भवती महिलाओं के शरीर में फर्टिलाइज्ड एग के गर्भाशय की परत से जुड़ने के तुरंत बाद एचसीजी का उत्पादन शुरू कर देती हैं।
जिन प्रेगनेंट महिलाओं को बहुत ज्यादा उल्टी की समस्या होती है, (हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम) उन महिलाओं में अन्य गर्भवती महिलाओं की तुलना में एचसीजी का स्तर अधिक होता है। ट्वीन्स या मल्टीपल्स जिन गर्भवती महिलाओं को होने का अंदेशा होता है, उनमें भी एचसीजी का स्तर अधिक होता है और मॉर्निंग सिकनेस का अनुभव होने की संभावना अधिक होती है। इसी तरह, एस्ट्रोजेन, एक और हार्मोन है, जो गर्भावस्था के दौरान बढ़ता है, गर्भावस्था के दौरान मतली और उल्टी की गंभीरता को बढ़ाने में अहम भूमिका को निभाता है।
कुछ महिलाओं में दूसरी तिमाही में उल्टी की समस्या बढ़ जाती है या पूरी प्रेगनेंसी के दौरान मॉर्निंग सिकनेस की समस्या रह ही जाती है। मॉर्निंग सिकनेस नाम का मतलब यह नहीं है कि उल्टी सिर्फ सुबह के समय ही होगा बल्कि यह दिन या रात में किसी भी समय या कई बार हो सकता है। इसके सही कारण का तो पता नहीं है, लेकिन जैसा कि पहले ही बताया गया है कि हॉर्मोन के बढ़ जाने के कारण उल्टी की समस्या छह सप्ताह से शुरू हो जाती है या पहले से भी हो सकती है।
मॉर्निंग सिकनेस और हाइपरमेसिस ग्रेविडेरम के लिए हार्मोन जिम्मेदार हो सकते हैं, कुछ कारक गर्भावस्था के दौरान एक या दोनों समस्याओं से निपटने के कारण खतरे को और भी बढ़ा देते हैं। जैसे कि-
इसके अलावा और भी कुछ कारण है, जिनके वजह से प्रेगनेंसी में उल्टी की परेशानी बढ़ जाती है-
प्रेगनेंसी में उल्टी को रोकने का उपाय मरीज की स्थिति पर निर्भर करता है। मॉर्निंग सिकनेस होने पर, पूरे दिन हेल्दी स्नैक्स जैसे क्रैकर्स या ड्राई टोस्ट खाने से मतली या उल्टी कम हो सकती है। कुछ महिलाओं के लिए मॉर्निंग सिकनेस खाली पेट में ज्यादा होती है।
कभी-कभी, अरोमाथेरेपी, एक्यूपंक्चर और एक्यूप्रेशर जैसे वैकल्पिक उपचार भी राहत प्रदान कर सकते हैं। इसके अलावा ये तरीके भी ट्राई कर सकते हैं-
-पानी या अदरक दिया हुआ पानी थोड़ा-थोड़ा करके पी सकते हैं।
-ज्यादा गंध वाला खाना खाने से बच सकते हैं।
-प्रसव पूर्व विटामिन ले सकते हैं।
-एंटी नॉशिया / एंटी वोमिटिंग दवा ले सकते हैं।
लेकिन कोई भी ओवर-द-काउंटर दवा लेने से पहले डॉक्टर से जरूर सलाह ले लें।
प्रेगनेंसी में उल्टी होने पर रोज लगभग 8 कप या 2 लीटर तरल पदार्थ लेने का प्रयास करना चाहिए। दिन भर में कम-कम मात्रा में पानी पीना चाहिए।अगर सादा पानी पीने में मुश्किल होता है तो इन विकल्पों को ट्राई कर सकते हैं-
एक बार जब आप उल्टी करना बंद कर दें, तो बहुत कम गंध वाले फूड्स, ठंडा या कमरे के तापमान वाले फूड्स का सेवन करने से उल्टी के बाद आराम मिल सकता है-
एक्सपर्ट टिप्स: प्रेगनेंसी में उल्टी से राहत पाने के लिए उल्टी के बाद अच्छी तरह से माइल्ड सोप या मॉइश्चराइजिंग क्रीमी बाथिंग सोप या बेबी वाश से मुँह धोने से आराम मिलेगा। उसके बाद अपने हाथों को नेचुरल हैंड वाश से अच्छी तरह से धो लें ताकि हाइजीन मेंटेन रहे।
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