14 Feb 2023 | 1 min Read
Mousumi Dutta
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आपने अक्सर नई माँ को लोगों द्वारा यह सलाह देते हुए सुना होगा कि बच्चे का मुस्कुराता चेहरा देखकर अपने दर्द को भूल जाओ। मनोवैज्ञानिक धरातल पर यह बात सच होने पर भी नॉर्मल डिलीवरी होने पर शारीरिक तौर पर दर्द को तो सहना ही पड़ता है, विशेष रूप से पेरिनियम या वजाइनल पेन। इस दर्द को न चाहते हुए भी हर माँ को सहना पड़ता है यानि माँ बनने के सुख के साथ यह दर्द बोनस में मिलेगा, लेकिन इस दर्द से राहत पाने का तरीका भी जानने की जरूरत है।
आज हम इसी विषय पर बात करेंगे कि नॉर्मल डिलीवरी के बाद वजाइनल पेन क्यों होता है और इस दर्द से राहत पाने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। जाहिर है कि वजाइना के छोटे छेद से बच्चे को जन्म देने के बाद सूजन और दर्द होगा। और अगर वजाइना और एनस के बीच के एरिया में यानि पेरिनियम में फटने का अनुभव होता है तो भी दर्द तो जरूर होगा। इसके अलावा अगर बच्चे के जन्म को आसान बनाने के लिए डॉक्टर वजाइना के ओपनिंग को चौड़ा करने के लिए एपीसीओटॉमी (Episiotomy) करते हैं तो थोड़ी देर के लिए जरूर दर्द होगा।
नॉर्मल डिलीवरी होने पर वजाइनल पेन होना बहुत ही नॉर्मल घटना है। वैसे तो महिला के वजाइनल ओपनिंग के टीशू और मसल्स की लंबाईं को स्ट्रेच करने के लिए डिजाइन किया गया है। लेकिन यह वजाइना के लिए आसान नहीं है। नॉर्मल डिलीवरी के दौरान वजाइनल ओपनिंग से बच्चे के सिर के दबाव के कारण पेरिनियम सूज सकता है, यहाँ तक की फट भी सकता है।
कुछ परिस्थितियों में, बेबी को जन्म देने की प्रक्रिया को संभालने वाले डॉक्टर को एपीसीओटॉमी करने की जरूरत पड़ सकती है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें वजाइनल ओपनिंग को चौड़ा करने के लिए पेरिनेल टिशू में सर्जिकल चीरा लगाना पड़ता है। इस बात को समझाने का मतलब यही है कि नॉर्मल डिलीवरी की प्रक्रिया के बाद वजाइनल एरिया में सूजन और दर्द को झेलना पड़ता ही है।
यह बात सच है कि नॉर्मल डिलीवरी के बाद वजाइनल पेन का अनुभव हर महिला के लिए अलग-अलग होता है और इस बात पर भी निर्भर करता है कि डिलीवरी कैसे की गई है।
– वजाइनल बर्थ के बाद पेरिनियल एरिया और एनस में सूजन हो सकती है।
-वजाइनल टियर या एपीसीओटॉमी का घाव वैसे तो तुरंत ठीक होना शुरू हो जाता है, लेकिन पूरी तरह ठीक होने और दर्द कम होने में अक्सर कई हफ्ते लग जाते हैं।
-लेबर के बाद सी-सेक्शन करने पर दर्द का स्तर इस बात पर निर्भर करता है कि सी-सेक्शन होने से पहले कितनी देर तक प्रसव का दर्द सहना पड़ा है और बच्चे का सिर वजाइनल ओपनिंग के करीब आया है। इसी पर निर्भर करता है कि जन्म के बाद कितने देर तक या कितने दिनों तक परेशानी होगी।
यहाँ कुछ घरेलू तरीकों के बारे में बताया गया है, जिनके मदद से नॉर्मल डिलीवरी के बाद वजाइनल या पेरिनियम पेन को मैनेज किया जा सकता है-
वजाइनल एरिया को साफ रखें– जब भी पेशाब करने के लिए बाथरूम जाए, स्क्वर्ट बोतल के गुनगुना गर्म पानी से वजाइनल एरिया को साफ करें या पानी से स्प्रे करें। लेकिन वजाइनल एरिया में हाथ लगाने के पहले और बाद में हाथ जरूर धो लें, नहीं तो संक्रमण होने का खतरा रहता है।
आराम करें- वजाइनल बर्थ के बाद दर्द और सूजन को कम करने के लिए हर दो या तीन घंटे के बाद 10-12 मिनट के लिए उस एरिया में बर्फ से सेंक दें। प्रसव के बाद पहले कुछ दिनों में क्षेत्र पर बर्फ लगाने से भी दर्द से राहत मिल सकती है। सर्जिकल ग्लव्स में आइस भर देने से अच्छा आइस पैक बन सकता है।
सिट्ज बाथ में गर्म सेंक- गर्म पानी से भरे हुए बेसिन या टब में शरीर का निचला हिस्सा डुबोकर बैठने से घाव को ठीक होने में मदद मिलती है। यहाँ तक कि वजाइना क्लिन भी हो जाता है।
डोनट पिलो का लें सहारा– जब भी आप बैठे तब डोनट पिलो का सहारा लेकर बैठें, इससे वहाँ पर दबाव कम पड़ता है। डोनट पिलो के बीच में गहरा छेद होता है, जो वजाइनल एरिया को चारो तरफ से सपोर्ट देने में मदद करता है।
पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं– अगर नॉर्मल डिलीवरी के बाद कब्ज की समस्या है तो इससे राहत पाने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं और खाने में फाइबर की मात्रा को बढ़ाएं, इससे मल नरम हो जाएगा और कब्ज की समस्या से राहत मिल जाएगा। डॉक्टर से आप स्टूल सॉफ्टनर या लैक्जाटिव भी ले सकते हैं।
एक्सपर्ट टिप्स– नॉर्मल डिलीवरी के कुछ दिनों के बाद अगर आपको वजाइना को क्लिन करने के लिए सोप की जरूरत है तो आप हार्श सोप के जगह पर बेबी सोप का इस्तेमाल कर सकते हैं, क्योंकि उस समय स्किन बहुत संवेदनशील रहती है। बेबीचक्रा का मॉइश्चराइजिंग क्रीमी बाथिंग बार केमिकल फ्री और नेचुरल चीजों से बना होता है।
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