13 Oct 2022 | 1 min Read
Mousumi Dutta
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यह तो आप सभी जानते हैं कि प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में बहुत सारे बदलाव होते हैं, जिसका असर डिलीवरी के बाद भी शरीर में दिखता है या महसूस होता है। बेबी के जन्म होने के बाद भी यह बदलाव चलता रहता है। आज हम बात करेंगे कि डिलीवरी के बाद वजाइना की देखभाल कैसे करनी चाहिए। वजाइनल डिलीवरी रिकवरी को पोस्टपार्टम रिकवरी भी कहते हैं।
डिलीवरी के बाद माँ के खान-पान और जीवनशैली सब पर ध्यान रखा जाता है, लेकिन प्राइवेट पार्ट्स की भी देखभाल करने की जरूरत होती है। डिलीवरी के बाद एपिसीओटॉमी हुई हो या न हो लेकिन वजाइना को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसलिए समय रहते इसकी टेककेयर करनी चाहिए।
अगर डिलीवरी के दौरान योनि में किसी प्रकार का चीरा लगाया गया हो तो उसके कारण हुए घाव ठीक होने में थोड़ा समय लगता है। लेकिन अगर योनि में चीरा ज्यादा गहरा लगा हो तो रिकवरी में ज्यादा समय लग सकता है। चीरा लगने के कारण सूजन और दर्द से आराम पाने के लिए आप ये ट्रिक्स आजमा सकते हैं-
डिलीवरी के बाद कई हफ्तों तक योनि से ब्लीडिंग और डिस्चार्ज होना आम बात है। यह आपके शरीर का आपके गर्भाशय के अंदर के अतिरिक्त टिशू और ब्लड को निकालने का तरीका है।
पहले कुछ दिनों तक, ब्लड लाल देखेंगे जो धीरे-धीरे कम हो जाएगा, गुलाबी से भूरा हो जाएगा, फिर गायब होने से पहले पीला या मलाईदार हो जाएगा। पहले 10 दिनों में डिस्चार्ज ज्यादा हो सकता है। यहाँ तक कि ब्लड थक्के के रूप में भी निकल सकता हैं। यह जन्म के बाद पहले सप्ताह में सबसे आम समस्या है। यदि थक्के एक चौथाई से बड़े हों तो अपने डॉक्टर को बताएं।
उसके बाद ब्लीडिंग स्पॉटिंग की तरह हो जाएगा और आमतौर पर प्रसव के लगभग 6 सप्ताह बाद यह भी बंद हो जाता है। एक बात का ध्यान रखें कि इस दौरान सैनिटरी पैड का प्रयोग करें, टैम्पोन का नहीं। टैम्पोन आपकी योनि में बैक्टीरिया ला सकते हैं, जो संक्रमण का कारण बन सकते हैं।
गर्भावस्था, डिलीवरी और वजाइनल डिलीवरी आपकी पेल्विक मसल्स को घायल कर सकता है, जो गर्भाशय, मूत्राशय और मलाशय को सहारा देती हैं। इसके कारण आपको छींकते, हंसते या खांसते समय मूत्र की कुछ बूंदों का रिसाव हो सकता है। ये समस्याएं आमतौर पर हफ्तों के भीतर ठीक हो जाती हैं लेकिन लंबे समय तक बनी रह सकती हैं।
इसके लिए, सैनिटरी पैड पहनें और अपने पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को टोन करने और अपने मूत्राशय को नियंत्रित करने में मदद करने के लिए पेल्विक फ्लोर मांसपेशियों के व्यायाम (कीगल एक्सरसाइज) करें।
डिलीवरी के बाद सेंक, सैनिटरी पैड और कीगल एक्सरसाइज आदि के द्वारा आप वजाइना की केयर अच्छी तरह से कर सकते हैं।
मूल चित्र स्रोत: गुगल
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