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सोनम कपूर की प्रेग्नेंसी : 35-40 के बीच प्रेग्नेंसी में माँ-शिशु को हो सकती हैं ये समस्याएं

सोनम कपूर की प्रेग्नेंसी : 35-40 के बीच प्रेग्नेंसी में माँ-शिशु को हो सकती हैं ये समस्याएं

1 Apr 2022 | 1 min Read

Ankita Mishra

Author | 409 Articles

बॉलीवुड की सबसे स्टाइलिश गर्ल मानी जानें वाली सोनम कपूर इन दिनों चर्चा में हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी प्रेग्रेंसी न्यूज शेयर की है और जल्द ही सोनम कपूर अहूजा मदरहुड का आनंद लेने वाली हैं। रिपोर्ट्स की मानें, तो प्रेग्नेंसी के सफर व बच्चे को हेल्दी बनाए रखने के लिए सोनम कपूर स्पेशल डाइट भी फॉलो कर रही हैं।

बता दें कि सोनम कपूर अपनी पहली प्रेग्नेंसी 36 वर्ष की उम्र में कर रही हैं। वैसे देखा जाए, तो आजकल न सिर्फ बॉलीवुड सेलेब्स, बल्कि आम महिलाएं भी 35 की उम्र में माँ बनना पसंद कर रही हैं। ऐसे में अगर आप भी 35-40 की उम्र के बाद गर्भावस्था की योजना बनाना चाहती हैं, तो आपके लिए इससे जुड़ी जटिलताओं के बारे में भी जानना जरूरी है।

क्या सोनम कपूर की उम्र में प्रेग्नेंट होना जोखिम भरा हो सकता है?

सोनम कपूर
सोनम कपूर / चित्र स्रोतः इंस्टाग्राम

सीधे तौर पर इससे इंकार नहीं किया जा सकता है कि 35 की उम्र में माँ बनना या 35 की उम्र के बाद प्रेग्नेंसी प्लानिंग करना जोखिम भरा हो सकता है। यह जोखिम न सिर्फ गर्भवती महिला के स्वास्थ्य से जुड़े हो सकते हैं, बल्कि गर्भ में पल रहे शिशु के स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकते हैं। 

अगर विभिन्न स्रोतों के आधार पर बताएं, तो ऐसा माना गया है कि 20 से 30 वर्ष की उम्र के बीच गर्भवती होना अधिक सुरक्षित माना जा सकता है। वहीं, 30 की उम्र के बाद महिलाओं की फर्टिलिटी क्षमता धीरे-धीरे घटने लगती हैं। ऐसे में अगर 35 वर्ष तक या 35 वर्ष के बाद गर्भावस्था की प्लानिंग की जाए, तो माँ बनने की सफल संभावना भी घट सकती है। 

अधिक उम्र में गर्भावस्था की जटिलताएं क्या-क्या हो सकती हैं, यह गर्भवती महिला व शिशु के स्वास्थ्य को किस तरह से प्रभावित कर सकती है, इसके बारे में नीचे विस्तार से बताया गया है।

35 की उम्र में माँ बनना या अधिक उम्र में गर्भावस्था की जटिलताएं क्या हैं?

सोनम कपूर की उम्र में यानी 35 या 36 साल की उम्र या इससे अधिक उम्र में अगर महिलाएं गर्भधारण करती हैं, तो यह उनके स्वास्थ्य के साथ ही आने वाले शिशु की सेहत के लिए भी जटिलताओं को बढ़ा सकता है। ये जटिलताएं क्या-क्या हो सकती हैं, नीचे पढ़ें।

35 की उम्र में माँ बनने पर गर्भवती महिला को होने वाली स्वास्थ्य समस्याएं

35 की उम्र में माँ बनने पर गर्भवती महिलाओं को निम्नलिखित स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जैसेः

1. हाई ब्लड प्रेशर होना

35 की उम्र में माँ बनने महिला को हाई ब्लड प्रेशर होने का जोखिम बढ़ सकता है। मेडिकल टर्म में इसे जेस्‍टेशनल हाइपरटेंशन भी कहते हैं। आमतौर पर यह प्रसव के बाद अपने आप ठीक हो सकता है। इससे शिशु के स्वास्थ्य पर भी जोखिम कम ही देखा जा सकता है। हालांकि, जेस्‍टेशनल हाइपरटेंशन होने से जन्म के समय शिशु का वजन सामान्‍य से कम हो सकता है।

2. गर्भकालीन मधुमेह 

गर्भकालीन मधुमेह को जेस्‍टेशनल डायबिटीज भी कहा जाता है। गर्भावस्था के दौरान होने वाली सबसे सामान्य जटिलताओं में इसे शामिल किया जा सकता है। यह अधिक उम्र में गर्भावस्था की जटिलताएं भी बढ़ा सकता है।

3. अस्थानिक गर्भावस्था

अस्थानिक गर्भावस्था को मेडिकल टर्म में एक्टोपिक प्रेग्नेंसी कहते हैं। अधिकतर मामलों में ऐसा देखा जा सकता है कि लेट प्रेग्नेंसी का प्रभाव अस्थानिक गर्भावस्था के जोखिम को बढ़ा सकता है।

4. गर्भपात 

35 की उम्र में माँ बनना या उससे बड़ी उम्र में गर्भवती होने पर गर्भपात यानी मिसकैरेज होने की संभावना अधिक हो सकती है।

5. जेस्टेशनल ट्रोफोब्लास्टिक 

जेस्टेशनल ट्रोफोब्लास्टिक (Gestational Trophoblastic) गर्भाशय में होने वाला एक तरह का दुर्लभ ट्यूमर होता है, जिसका जोखिम अधिक उम्र की गर्भावस्था में बढ़ सकता है। 

इसके अलावा, 35 की उम्र के बाद गर्भवती होने की जटिलताओं में गर्भनाल का गर्भाशय ग्रीवा पर लिपट जाना, नॉर्मल डिलीवरी में परेशानी होना व माँ को हृदय स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं होना भी इसमें शामिल हो सकता है। 

35 की उम्र में माँ बनने पर गर्भस्थ शिशु को होने वाली स्वास्थ्य समस्याएं 

35 की उम्र में गर्भाधारण करने वाली महिलाओं के गर्भस्थ शिशु को निम्नलिखित स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जैसेः

1. डाउन सिंड्रोम

अगर 35 या उससे अधिक उम्र के बाद गर्भाधारण किया जाए, तो गर्भस्थ शिशु को डाउन सिंड्रोम होने का जोखिम अधिक हो सकता है। डाउन सिंड्रोम जेनेटिक डिसऑर्डर है। डाउन सिंड्रोम वाले बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास में देरी हो सकती है।

2. बौनापन

ऐसा भी माना जाता है कि लेट प्रेग्नेंसी का प्रभाव गर्भस्थ शिशु में क्रोमोसोमल असामान्यताएं बढ़ा सकता है, जिससे बच्चे में जेनेटिक डिसऑर्डर हो सकते हैं। इसके कारण बच्चा बौना हो सकता है यानी उसका शारीरिक कद सामान्य से छोटा हो सकता है।

3. समयपूर्व प्रसव

अधिक उम्र में गर्भावस्था की जटिलताएं समय से पहले शिशु के जन्म होने के जोखिम को भी बढ़ा सकती हैं। इस वजह से कुछ मामलों गर्भ में शिशु का शारीरिक विकास अधूरा रह सकता है। ऐसे में बच्चों में कुछ अन्य चिकित्सा समस्याएं जैसा – दिमागी लकवा यानी सेरीब्रल पाल्सी, सीखने-पढ़ने से जुड़ी मानसिक परेशानी व सांस संबंधी बीमारियों के होने का जोखिम भी अधिक हो सकता है।

4. शिशु की मृत्यु 

कुछ गंभीर मामालों में लेट प्रेग्नेंसी के कारण प्रसव के दौरान शिशु के मृत्यु होने का जोखिम हो सकता है। हालांकि, ऐसा होना दुर्लभ हो सकता है। 

35 के बाद गर्भधारण की योजना बनाने के लिए किस तरह की तैयारी करनी चाहिए?

अगर 35 की उम्र के बाद गर्भधारण की योजना बना रही हैं, तो इसके लिए महिलाओं को निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए, जैसेः

सोनम कपूर
सोनम कपूर / चित्र स्रोतः फ्रीपिक
  • प्रेग्नेंसी प्लानिंग के लिए सबसे अच्छा समय क्या है, इस बारे में डॉक्टर की राय लेना।
  • गर्भाधारण करने के लिए खुद को शारीरिक व मानसिक रूप से तैयार करना। शारीरिक रूप से तैयारी के लिए डॉक्टर की सलाह पर खानपान या रेगुलर लाइफस्टाइल में उचित बदलाव किए जा सकते हैं। 
  • अगर धूम्रपान या किसी तरह के नशे की आदत है, तो उसे तुरंत बंद करना चाहिए।
  • गर्भवती होने से पहले सभी जरूरी टीकाकरण कराने चाहिए।
  • तनाव के कारणों को कम करना चाहिए। अगर तनाव लेती हैं, तो तनाव दूर करने के उपाय करने चाहिए। 
  • सभी प्रेग्नेंसी से संबंधित जांच व प्रसव के लिए अच्छे अस्पताल व अनुभवी डॉक्टर का चयन करना चाहिए।

इसमें दोराय नहीं है कि अधिक उम्र में गर्भावस्था की जटिलताएं बढ़ सकती हैं। हालांकि, अगर कोई महिला सोनम कपूर की तरह या अन्य सेलेब्स की तरह 35 की उम्र या उससे अधिक की उम्र में माँ बनना चाहती हैं, तो उन्हें अपने स्वास्थ्य व गर्भावस्था के प्रति अधिक सतर्क रहना चाहिए। उन्हें समय-समय पर रेगुलर चेकअप कराना चाहिए और डॉक्टर द्वारा निर्देशित हेल्दी डाइट फॉलो करनी चाहिए।

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