21 Apr 2022 | 1 min Read
Ankita Mishra
Author | 409 Articles
वैसे तो प्रेग्नेंसी न्यूज अपने आप में सबसे बड़ी खुशी होती है, लेकिन अगर एक साथ गर्भ में जुड़वा बच्चे होने की खबर मिल जाए, तो प्रेग्नेंसी न्यूज की खुशी दोगुनी हो जाती है। पर इसके लिए जरूरी भी है कि गर्भावस्था में जुड़वा बच्चे होने के लक्षण की पहचान भी सही समय पर की जाए, ताकि गर्भावस्था को लेकर सभी जिम्मेदारियों को अच्छे से पूरा किया जा सके। गर्भावस्था जुड़वा है या नहीं, इसके क्या लक्षण हैं या जुड़वा गर्भावस्था होने पर किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, इससे जुड़ी अहम जानकारी इस लेख में दी गई है।
इस लेख में गर्भावस्था में जुड़वा बच्चे होने के लक्षण के साथ ही, जुड़वा प्रेग्नेंसी के दौरान माँ की सेहत पर क्या प्रभाव होता है, उसकी भी जानकारी दी गई है। तो स्क्रॉल करें और पेट में जुड़वा बच्चे के लक्षण को करीब से समझें।
जुड़वा गर्भावस्था के लक्षण (Twins Pregnancy) लगभग सिंगल व सामान्य प्रेग्नेंसी (Single Pregnancy) के शुरुआती लक्षणों के जैसे ही होते हैं। जुड़वा प्रेग्नेंसी होने पर भी गर्भवती महिला को मॉर्निंग सिकनेस, मतली, उल्टी व थकान जैसे अन्य सामान्य लक्षण हो सकते हैं। हालांकि, जुड़वा गर्भावस्था के लक्षण में कुछ अलग तरह के भी लक्षण हो सकते हैं, जैसेः
सामान्य व सिंगल प्रेग्नेंसी की ही तरह जुड़वा गर्भावस्था की जानकारी भी पहली तिमाही में हो जाती है। इसके लिए नीचे बताए गए टेस्ट और निदान की आवश्यकता हो सकती है, जो हैंः
सीधे तौर पर इसका दावा नहीं किया जा सकता है कि जुड़वा गर्भावस्था शिशुओं की सेहत को प्रभावित कर सकती है। हां, लेकिन अधिकतर मामलों में ऐसा देखा जा सकता है कि गर्भ में जुड़वा बच्चे होने से शिशुओं की सेहत कुछ हद तक प्रभावित हो सकती है, जैसेः
अगर गर्भवती महिला को स्वास्थ्य से संबंधी कोई परेशानी हो या उसे गर्भावस्था से जुड़ी जटिलताएं हो, तो प्रीमैच्योर डिलीवरी यानी समय से पहले प्रसव का जोखिम हो सकता है। ऐसे अधिकतर मामलों में समय से पहले प्रसव के कारण एक या दोनों ही नवजात की मृत्यु का जोखिम भी बढ़ सकता है।
गर्भ में जुड़वा बच्चे जन्मजात शारीरिक विकृतियों के साथ पैदा हो सकते हैं। कुछ मामलों में जहां सिर्फ एक ही बच्चे में जन्मजात शारीरिक विकृतियां हो सकती है, तो कुछ मामलों में दोनों ही बच्चों में जन्मजात शारीरिक विकृतियां हो सकती हैं। इतना ही नहीं, कुछ मामलों में शारीरिक तौर पर दोनों शिशु एक-दूसरे से जुड़े भी हो सकते हैं, जिसे इंटरलॉक ट्विन्स (Interlocked Twin) भी कहा जा सकता है।
मालप्रेजेंटेशन एक ऐसी स्थिति है, जिसमें गर्भाशय में भ्रूण उल्टा या किसी अन्य अवस्था में हो सकता है।
ट्विन टू ट्विन ट्रांसफ्यूजन सिंड्रोम (Twin-to-Twin Transfusion Syndrome in Hindi) ऐसी स्थिति है, जिसमें गर्भनाल के जरिए एक भ्रूण का खून दूसरे भ्रूण में सप्लाई होने लगता है। ऐसी स्थिति में किसी बच्चे में खून की कमी और दूसरे में खून की अधिकता हो सकती है।
इस वजह से एक भ्रूण में जन्म से ही एनीमिया, तो दूसरे बच्चे में जन्म से ही उच्च रक्तचाप व हार्ट फेलियर जैसे जोखिम हो सकते हैं।
अगर किसी वजह से गर्भ में जुड़वा बच्चों में से किसी एक की मृत्यु हो जाए, तो उस कंडीशन को सिंगल फीटस डिमाइस कहा जाता है। ऐसी स्थिति होने पर प्रसव के दौरान दूसरे बच्चे के जिंदा रहने की गुजाइंश भी बेहद कम हो सकती है।
हां, जुड़वा गर्भावस्था माँ की सेहत को प्रभावित कर सकती है। पर यह माँ के स्वास्थ्य व पुरानी गर्भावस्था की स्थितियों पर निर्भर कर सकती है। जुड़वा गर्भावस्था किस तरह की जटिलताओं का कारण बन सकती है, जानने के लिए नीचे पढ़ें।
पेट में जुड़वा बच्चे के लक्षण गर्भावस्था में एनीमिया के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। दरअसल, गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला के शरीर को आयरन व फोलेट की आवश्यकता अधिक हो जाती है। ऐसे में गर्भ में जुड़वा बच्चे होने से इनकी मात्रा की आवश्यकता और भी अधिक हो सकती है जो गर्भावस्था में एनीमिया का कारण बन सकता है।
पेट में जुड़वा बच्चे के लक्षण गर्भवती महिला में उच्च रक्तचाप का कारण भी बन सकते हैं। जुड़वा गर्भावस्था में इसे सबसे सामान्य स्थिति मानी जा सकती है।
जुड़वा गर्भावस्था के कारण गर्भवती महिला को गर्भाशय, गर्भाशय ग्रीवा, योनी व एमनियोटिक द्रव से जुड़े संक्रमण होने का जोखिम अधिक हो सकता है।
हाइड्रेमनियोस ऐसी स्थिति है, जिसमें गर्भाशय में एमनियोटिक द्रव का स्तर सामान्य से अधिक हो सकता है। इसके कारण गर्भवती महिला को सांस से संबंधी परेशानी, प्रसव के बाद अधिक रक्तस्त्राव व समय से पहले शिशु के जन्म का जोखिम बढ़ सकता है।
गर्भ में जुड़वा बच्चे (Pet Me Twins Hone Ke Lakshan in Hindi) की खुशी गर्भावस्था के पलों को रोमांचित व खुशहाली से भर देती है, पर ध्यान रखें कि जुड़वा गर्भावस्था मतलब गर्भावस्था के प्रति दोगुनी जिम्मेदारी। ऐसे में गर्भावस्था में जुड़वा बच्चे होने के लक्षण स्वस्थ व सुरक्षित बने रहें, इसके लिए समय-समय पर डॉक्टर से गर्भवती महिला के स्वास्थ्य व जुड़वा प्रेग्नेंसी की स्थिति की जांच कराते रहें और डॉक्टर द्वारा बताए गए निर्देशों व सावधानियों का भी पालन करें।
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