28 Mar 2023 | 1 min Read
Mousumi Dutta
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नॉर्मल डिलीवरी के बाद या वजाइनल डिलीवरी के बाद वजाइना को कई प्रकार के कष्ट और परेशानियों से गुजरना पड़ता है। आप ही सोचिए कि जन्म के समय बच्चे को इतने छोटे से वजाइनल ओपनिंग से निकालना पड़ता है। जाहिर है, इस प्रक्रिया से वजाइना में दर्द और कष्ट तो होगा ही। लेकिन अब यह जानना जरूरी है कि नॉर्मल डिलीवरी के बाद उसके जल्दी रिकवरी के लिए क्या करना चाहिए।
नॉर्मल डिलीवरी के बाद वजाइना में क्या-क्या होता है, पहले यह जानना जरूरी है। तभी वजाइनल रिकवरी के लिए क्या करना चाहिए और क्या नहीं, इस बारे में बात करना आसान हो जाएगा। तो चलिए, आगे एक नजर डालते हैं कि नॉर्मल डिलीवरी के बाद वजाइना में क्या-क्या बदलाव आता है।
नॉर्मल डिलीवरी के बाद वजाइना में घाव, सूजन होने के साथ-साथ वजाइनल डिस्चार्ज भी हो सकता है।
पेरिनियम में चीरा लगना– नॉर्मल डिलीवरी के दौरान, वजाइनल ओपनिंग, लेबिया, पेरिनियम फट सकता है क्योंकि बच्चे का सिर अंदर से बाहर निकलता है। वास्तव में, अमेरिकन कॉलेज ऑफ ओब्स्टेट्रिशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट (ACOG) के अनुसार, 53% से 79% महिलाएं वजाइनल बर्थ देने पर पेरिनियल फट जाने का अनुभव करती हैं।
इन वजाइनल चीरा लगने वाले जगहों पर टांका लगाने की जरूरत होती है, और घाव की गंभीरता के आधार पर, ठीक होने में हफ्तों से लेकर महीनों तक का समय लग सकता है। इस दौरान खांसने, छींकने और मल त्याग जैसी गतिविधियों से परेशानी हो सकती है। इसके अलावा, जैसे-जैसे वजाइना का घाव ठीक होने लगता है, वजाइना और उसके आसपास के क्षेत्रों में खुजली शुरू हो जाती है।
लोचिया या पोस्टपार्टम ब्लीडिंग होना– यह लगभग 6 से 8 सप्ताह तक रहता है। आपको यह जानकर आश्चर्य हो सकता है कि लोचिया वजाइनल और सिजेरियन बर्थ दोनों तरह के बर्थ प्रोसेस के दौरान होता है।
वजाइना में सूजन और ड्राईनेस– नॉर्मल डिलीवरी के बाद, वजाइना में सूजन का अनुभव होने की संभावना रहती है। इसके अलावा, हार्मोनल बदलाव के कारण वजाइनल ड्राईनेस की समस्या भी हो सकती है।
नॉर्मल डिलीवरी के बाद वजाइना में दर्द और बेचैनी को कम करने और वजाइनल रिकवरी के लिए कुछ उपचारों, सावधानियों और डायट का ख्याल रखना बहुत जरूरी होता है।
डॉ. स्मृति सागर, एमएस ऑब्सट्रेटिक्स और गायनेकोलॉजी, नई दिल्ली का मानना है कि वजाइनल रिकवरी के लिए जिस तरह से हाइजीन मेंटेन करना जरूरी होता है, उसी तरह से डायट का भी ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है।
एक्सपर्ट टिप्स: नॉर्मल डिलीवरी के बाद वजाइनल रिकवरी के लिए जिस तरह डायट और हाइजीन का ध्यान रखना जरूरी होता है, वैसे ही सेंसिटिव स्किन और होंठ को धूप से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए सनस्क्रीन और लिप बाम का इस्तेमाल करना भी बहुत जरूरी होता है।
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