24 Jan 2023 | 1 min Read
Mousumi Dutta
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यह सच तो सभी को पता है कि बच्चे को जन्म देने जैसा मुश्किल काम दूसरा नहीं होता है। नॉर्मल डिलीवरी हो या ऑपरेशन करके यानि सिजेरियन करके डिलीवरी हो दोनों स्थितियों में माँ इतनी थकी होती है और शरीर में इतने परिवर्तन होते हैं कि ऑपरेशन के बाद माँ को जितना जल्दी हो नहाना चाहती है। लेकिन माँ को नहाना चाहिए कि नहीं यह डॉक्टर के सलाह के बाद ही फैसला लिया जा सकता है। डॉक्टर नॉर्मल और ऑपरेशन के बाद दोनों ही परिस्थितियों में माँ के हालत को देखकर ही फैसला लेते हैं कि कब नहाने के लिए भेजना चाहिए। फिर चलिए, आपके जानकारी के लिए आज हम बात करेंगे कि ऑपरेशन के बाद कब और कैसे माँ को नहाना चाहिए।
बच्चे को जन्म देने की प्रक्रिया नॉर्मल हो या सिजेरियन दोनों ही परिस्थितियों में स्टिचेस लगते हैं। नॉर्मल डिलीवरी में वजाइना में टांके लगते हैं तो सिजेरियन डिलीवरी में पेट में। डॉक्टर मरीज की अवस्था के आधार पर फैसला लेते हैं कि मरीज कब नहाने जाएगा। सामान्य तौर पर सिजेरियन डिलीवरी में 2-3 दिन के बाद नहाने की सलाह दी जाती है और नॉर्मल डिलीवरी में 24 घंटे के बाद। नहाने से उपचार प्रक्रिया में गति आती है, क्योंकि इससे रक्त का संचालन बेहतर तरीके से होने लगता है। नियमित स्नान से नुकसान होने की संभावना कम होती है, लेकिन बैक्टीरिया के संपर्क में आने के खतरे को कम करने के लिए टब स्नान नहीं करना ही बेस्ट होता है।
आम तौर पर वजाइनल डिलीवरी होने पर ज्यादातर डॉक्टर मरीज की अवस्था अगर अच्छी हो तो जब भी संभव हो नहाने के लिए जाने के लिए कह सकते हैं। लेकिन हॉट टब बाथ की मनाही रहती है, क्योंकि इससे संक्रमित होने का खतरा रहता है। अगर नॉर्मल डिलीवरी हुई है तो जाहिर है कि पेरिनियम में टांके लगे होंगे, इसलिए टब में नहाने से बचना चाहिए। सिजेरियन डिलीवरी के मामलों में चूंकि टांके और चीरे शरीर पर मौजूद होते हैं, इसलिए डॉक्टर के सलाह के अनुसार या शारीरिक अवस्था के आधार पर 2-3 दिन बाद नहाना चाहिए।
ऑपरेशन के कुछ दिनों तक डॉक्टर आराम करने की ही सलाह देते हैं। उसके बाद टांकों की अवस्था के आधार पर थोड़ा नहाने की सलाह दे सकते हैं। इसलिए ज्यादा देर तक नहाने की गलती न करें और टांके गीला करने से बचना चाहिए।ऑपरेशन के बाद नहाने से शारीरिक और मनोवैज्ञानिक फायदा मिलता है। इससे डिलीवरी के दौरान शरीर में जो थकान और स्ट्रेस रहता है, उससे कुछ हद तक आराम मिलता है। इसके अलावा और भी कुछ फायदे मिलते हैं, जो इस प्रकार है-
सिट्ज बाथ पेरिनियल क्षेत्र को साफ करने का एक तकनीक होता है। कुछ महिलाओं को ठंडे पानी में सीट्ज बाथ लेना अच्छा लगता है। कुछ अध्ययनों के अनुसार सीट्ज बाथ ठंडे पानी में लेना गर्म पानी की तुलना में अच्छा होता है। ठंडे पानी में सीट्ज बाथ लेना अच्छा होगा या गर्म पानी में लेना, इस बारे में आप डॉक्टर से बात कर सकते हैं। सिट्ज बाथ का इस्तेमाल करने के पहले अपने हाथों को अच्छी तरह से साफ करने के बाद ही पेरिनियल क्षेत्र का उपचार करने के लिए तैयार हो।
अब तक के चर्चा से आप समझ ही गए होंगे कि ऑपरेशन के बाद माँ किन परिस्थितियों में नहा सकती हैं और कब नहा सकती है, इसके बारे में हमने विस्तार से बात किया है।
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