21 Jun 2022 | 1 min Read
Ankita Mishra
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गर्भावस्था के पूरे चरणों के दौरान महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव होता रहता है, जो कई तरह की शारीरिक व मानसिक परेशानियों का कारण बन जाता है। इन्हीं में प्रेग्नेंसी में कब्ज (Pregnancy Me Kabj) की समस्या भी शामिल है। गर्भावस्था के दौरान कब्ज (Pregnancy Me Kabj) के लक्षण क्या हैं, इसके कारण क्या हैं और गर्भावस्था में कब्ज के घरेलू उपचार (Pregnancy Main Qabz Ka Ilaj) किस तरह से मददगार हो सकते हैं, इसी से जुड़ी जानकारी इस लेख में पढ़ेंगे।
हां, रिसर्च के आधार पर ऐसा माना जा सकता है प्रेग्नेंसी में कब्ज की समस्या आम हो सकती है। लगभग 11-33% महिलाएं गर्भावस्था के दौरान कब्ज (Pregnancy Me Kabj) का अनुभव करती हैं। खासतौर पर गर्भावस्था के दूसरे या तीसरे महीनों में। क्योंकि, इन महीनों के दौरान गर्भवती महिला के शरीर में प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन का स्तर अधिक हो जाता है और साथ ही, उसके गर्भाशय का आकार भी बढ़ने लगता है।
प्रेग्नेंसी में कब्ज के कारण निम्नलिखित हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैंः
गर्भावस्था में कब्ज के लक्षण जानने के लिए नीचे पढ़ेंः
गर्भावस्था में कब्ज के घरेलू उपचार (Pregnancy Mein Qabz Ka Ilaj) करने के लिए आप निम्नलिखित घरेलू तरीकों को अपना सकते हैंः
प्रतिदिन लगभग 10-12 गिलास पानी पिएं। पानी के साथ ही अन्य तरल पेय जैसे, फलों के जूस, रस व स्मूदी को भी शामिल कर सकते हैं। इससे बाउल मूवमेंट को अच्छा बनाए रखा जा सकता है, जिससे शरीर में पानी की कमी से होने वाले कब्ज की समस्या का उपचार किया जा सकता है।
पेट फूलने व अपच के कारण भी प्रेग्नेंसी में कब्ज (Pregnancy Mein Kabj) की समस्या हो सकती है। ऐसे में गर्भवती महिला को थोड़ी-थोड़ी मात्रा में खाना खाने की आदत शुरू करनी चाहिए। ऐसा करने से पेट का हाजमा अच्छा हो सकता है और खाना पचाने में आसानी हो सकती है।
नींबू, व संतरा जैसे सिट्रिस फल (स्वाद में खट्टे फल) का सेवन करने से पाचन क्रिया को बढ़ाया जा सकता है, जिससे अपच की समस्या दूर हो सकती है। दरअसल, इस तरह के फल फाइबर से समृद्ध होते हैं, तो भोजन को पचाने में मदद कर सकते हैं और कब्ज से राहत दिला सकते हैं।
साइलियम (इसबगोल) फाइबर से समृद्ध होता है। ऐसे में अगर गर्भावस्था के दौरान कब्ज (Pregnancy Me Kabj) की समस्या होती है, तो आहार में इसबगोल को शामिल करना लाभकारी हो सकता है। इसका सेवन सलाद या पानी में मिलाकर किया जा सकता है।
अलसी के बीज ओमेगा-3 फैटी एसिड से समृद्ध होते हैं, जो शरीर में तरल पदार्थों की मात्रा को बनाए रखने में मददगार माने जा सकते हैं। गर्भावस्था के दौरान कब्ज (Pregnancy Me Kabj) से राहत पाने के लिए अलसी के भूने हुए बीजों के पाउडर को पानी के साथ फांक सकती हैं। या अलसी की रोटी बनाकर भी खा सकती हैं।
फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ पाचन तंत्र की क्रिया को बेहतर बनाए रखने में मददगार माने जा सकते हैं। इसलिए, गर्भावस्था में कब्ज के लक्षण होने पर डाइट में फाइबर की मात्रा शामिल की जा सकती है। इसके लिए हरी मटर, मौसमी फल, फलियां और साबुत अनाज को आहार में शामिल किया जा सकता है।
अगर कोई गंभीर शारीरिक बीमारी हो और डॉक्टर ने पूरी तरह से बेड रेस्ट के लिए निर्देश दिए हों, तो ही गर्भावती महिलाओं को दिनभर आराम करना चाहिए। लेकिन अगर स्वस्थ हैं, तो गर्भावस्था के दिनों में भी फिजिकली एक्टिव रहने की कोशिश करें। ऐसा करने से प्रेग्नेंसी में कब्ज की समस्या के जोखिम को कम किया जा सकता है।
गर्भावस्था में कब्ज के लक्षण दिखाई देने पर दिन में एक से दो बार हल्के हाथों से पेट की मसाज भी करवा सकती हैं। पेट की मसाज करने से पेट व आंत की मांसपेशियों में हो रहे तनाव को दूर किया जा सकता है और पाचन क्रिया को बेहतर बनाया जा सकता है। इसीलिए, गर्भावस्था में कब्ज के घरेलू उपचार (Pregnancy Main Qabz Ka Ilaj) में पेट की मालिश भी शामिल की जा सकती है।
एक तरह से देखा जाए, तो प्रेग्नेंसी में कब्ज (Pregnancy Me Kabj) की समस्या कुछ हद तक खराब लाइफस्टाइले से भी जुड़ी हुई है। इसलिए, गर्भावस्था के दौरान कब्ज (Pregnancy Me Kabj) से बचाव करने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाने का प्रयास करें। इसके अलावा, अगर गर्भावस्था में कब्ज के घरेलू उपचार (Pregnancy Main Qabz Ka Ilaj) करने के बाद भी गर्भावस्था में कब्ज के लक्षण कम नहीं होते हैं, तो बेहतर होगा कि डॉक्टर से उचित इलाज कराएं।
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