21 Apr 2022 | 1 min Read
Vinita Pangeni
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गर्भधारण करने के बाद स्वस्थ भोजन लेना महत्वपूर्ण है। आपके आहार से ही भ्रूण का विकास जुड़ा होता है, इसलिए पौष्टिक डाइट लेना जरूरी है। आज की जागरूक महिलाओं को पता है कि पौष्टिक आहार में फलों की अहम भूमिका होती है। लेकिन, कभी-कभी यह समझ नहीं आता कि प्रेगनेंसी में कौन सा फ्रूट नहीं खाना चाहिए। इसी वजह से हम इस लेख में प्रेगनेंसी में कौन-सा फ्रूट खाना चाहिए और कौन-सा नहीं खाना चाहिए, यह बता रहे हैं।
प्रेगनेंसी में फल खाने के फायदे एक, दो नहीं, बल्कि अनेक हैं। रंग-बिरंगे फलों का सेवन करने से शरीर को जरूरी विटामिन, मिनरल्स और फाइबर मिलते हैं। खासकर फलों में मौजूद फोलेट और आयरन से गर्भावस्था में एनीमिया से बचा जा सकता है।
फलों से मिलने वाला विटामिन-सी गर्भवती महिला और गर्भस्थ शिशु को बीमारियों से बचाए रखने में मदद करता है। यही नहीं, रिसर्च के अनुसार, फलों में मौजूद फाइबर से प्रेग्नेंसी में प्रीक्लेम्पसिया और कब्ज से बचा जा सकता है।
आगे जानते हैं कि प्रेगनेंसी में कौन-सा फ्रूट खाना चाहिए।
प्रेगनेंसी में कौन-से फूट खाने चाहिए (Pregnancy me Kaun se Fruit Khane Chahiye) इससे जुड़ी पूरी जानकारी हम आगे वैज्ञानिक शोध के आधार पर दे रहे हैं।
सेब पोषक तत्वों से भरे होते हैं। इनमें विटामिन ए और सी, पोटैशियम और फाइबर की अच्छी मात्रा होती है। ये पोषक तत्व गर्भस्थ शिशु के विकास में मदद कर सकते हैं। एक अध्ययन में यह भी पाया गया है कि गर्भावस्था में सेब खाने से शिशु में अस्थमा और एलर्जी होने का खतरा कम होता है।
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केले में में हाई फाइबर होता है। यह गर्भावस्था में कब्ज की दिक्कत को दूर कर सकता है। इसमें कुछ मात्रा में विटामिन बी-6 भी होता है, जिसे उल्टी और जी-मिचलाने की परेशानी से राहत दिलाने के लिए जाना जाता है। केले में पौटेशियम, विटामिन सी, जैसे कई अन्य पोषक तत्व भी होते हैं, जिन्हें प्रेगनेंसी के लिए अच्छा माना जाता है।
संतरे में विटामिन सी, फोलेट और भरपूर पानी होता है। इसलिए, संतरे गर्भवती को हाइड्रेट रखने और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। इसमें मौजूद फोलेट और विटामिन सी से एनीमिया से बचाव हो सकता है। साथ ही फोलेट से गर्भस्थ शिशु को बर्थ डिफेक्ट से बचाने में मदद मिलती है।
हर दम सोचती हैं कि प्रेगनेंसी में कौन-सा फ्रूट खाना चाहिए, तो ये सोचना छोड़ दीजिए। आप केला, सेब और संतरे के अलावा अमरूद का भी सेवन कर सकती हैं। अमरूद में आयरन होता है, जिससे प्रेगनेंसी में एनीमिया का खतरा कम हो सकता है।
गर्भावस्था के दौरान अमरूद खाने से मांसपेशियों को आराम मिलता है, पाचन में मदद मिलती है और कब्ज की शिकायत भी कम होती है।
गर्मियों का मौसम है, तो आप आम भी खा सकती हैं। यह फल विटामिन ए और सी से समृद्ध होता है। विटामिन-ए की मात्रा सही बनी रहने से इम्यूनिटी को भी बढ़ाने में मदद मिलती है। बस प्राकृतिक रूप से पके आम ही खरीदें। दरअसल, केमिकल से पकने वाले आम के कारण प्रेग्नेंसी संबंधी गंभीर दिक्कतें हो सकती हैं।
प्रेगनेंसी में कौन-सा फ्रूट खाना चाहिए, इसका एक जवाब चीकू भी है। यह गर्भावस्था में पूरी तरह सुरक्षित माना गया है। इस फल में कार्बोहाइड्रेट होता है, जो उल्टी और जी-मिचलाने की परेशानी को कुछ कम कर सकता है। साथ ही चीकू में फाइबर, कैल्शियम और आयरन भी पाए जाते हैं।
अनार से गर्भवती महिलाओं को भरपूर मात्रा में विटामिन के, कैल्शियम, फोलेट, आयरन, प्रोटीन, फाइबर प्रदान करता है। यह गर्भवती महिला को भरपूर एनर्जी देता है। यह गर्भवती महिला को आयरन की कमी से होने वाले एनिमिया से दूर कर सकता है। इसमें मौजूद विटामिन के हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद कर सकता है।
इन फलों के अलावा प्रेगनेंसी में कौन सा फ्रूट खाना चाहिए सोच रहे हैं, तो इसका जवाब है – चेरी, खुबानी, स्ट्रॉबेरी, कीवी, कस्टर्ड एप्पल, जामुन, एवोकाडो, नाशपती और सूखे मेवे।
बस इन्हें लेने से पहले एक बार डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। हर महिला की गर्भावस्था और शरीर अलग होता है, इसलिए बिना डॉक्टर की सलाह के इन फल का सेवन करने से बचें।
यह तो आप समझ गए हैं कि प्रेगनेंसी में कौन सा फ्रूट खाना (Pregnancy mein kaun kaun se fal khana chahiye)। अब आगे प्रेगनेंसी में कौन-सा फ्रूट नहीं खाना चाहिए, यह जानते हैं।
प्रेगनेंसी में कौन-से फल खाने चाहिए (Pregnancy mein kaun kaun se fal khana chahiye) इसकी जानकारी होने के बाद ही नुकसानदायक फलों के बारे में भी पता होना आवश्यक है। नीचे इन्हीं के बारे में चर्चा की गई है।
प्रेगनेंसी में कौन-सा फ्रूट नहीं खाना चाहिए सोच रहे हैं, तो इस फल का नाम याद कर लीजिए। जी हां, कच्चा पपीता गर्भपात का कारण बन सकता है।
गर्भावस्था में अनानास लेने से समय से पहले प्रसव (प्रीमैच्योर डिलीवरी), कमर दर्द, और गर्भपात का कारण बन सकता है।
प्रेग्नेंसी में तीसरी तिमाही से अंगूर से परहेज करना जरूरी माना जाता है। दरअसल, इसमें रेस्वेराट्रोल कंपाउंड होता है, जो माँ से गर्भस्थ शिशु तक पहुंचने वाले खून के प्रवाह को बाधित (Fetal ductus arteriosus flow) कर सकता है।
प्रेगनेंसी में कौन सा फ्रूट नहीं खाना चाहिए जानने के बाद फल की मात्रा के बारे में समझिए।
प्रेग्नेंसी में कितने फल खा सकते हैं, ऐसी कोई सटीक सलाह नहीं दी गई हैं। हां, दिनभर में तीन फलों के तीन सर्विंग लेने की सलाह दी जाती है। एक सर्विंग में करीब 150 से 200 ग्राम फल आते हैं। दिन भर में इस तरह तीन बार फल खाने होंगे। आप विभिन्न फलों को एक साथ फ्रूट सलाद बनाकर एक सर्विंग के रूप में ले सकती हैं। बस मात्रा पर गौर करें।
प्रेगनेंसी में फल खाने के फायदे सही से तभी मिलेंगे, जब सावधानी के साथ फल का सेवन किया जाए। इन सावधानियों के बारे में आगे पढ़िए।
गर्भवति महिला को आम, मौसम्बी, केला, सेब, संतरा, अमरूद, चकोतरा, चेरी, खुबानी, स्ट्रॉबेरी, एवोकाडो, सूखे मेवों का सेवन करना चाहिए। बस इन्हें सीमित मात्रा में ही खाएं।
प्रेगनेंसी में उल्टी मतली की दिक्कत लगी रहती है, इसलिए सुबह उठकर गुनगुना पानी पीने के बाद बिस्कुट, रस्क या टोस्ट खाएं।
प्रेगनेंसी में सभी ड्राई फ्रूट्स का सेवन किया जा सकता है। हां, अगर आप ओवर वेट हैं, तो काजू का सेवन करने से बचें। बताया जाता है कि गर्भवती रोजाना 30 ग्राम तक ड्राई फ्रूट्स का सेवन कर सकती है।
सबसे अच्छा फल कौन सा है, यह बता पाना मुश्किल है। हर फल की अपनी खासियत होती है। हां, प्रेगनेंसी में विटामिन-सी, फाइबर और फोलेट से भरपूर फल सबसे अच्छे माने जाते हैं। जैसे – चकोतरा, कीवी, सेब आदि।
गर्भवती महिला संतरे का जूस और मौसंबी का जूस पीना चाहिए। अन्य जूस को भी गर्भवती महिला आहार में शामिल कर सकती है, लेकिन पैक जूस पीने से बचें। जूस हमेशा ताजा निकाला हुआ ही पीना चाहिए।
प्रेगनेंसी में कौन-सा फ्रूट खाएं (पregnancy me Kaun sa Fruit Khaye) यह आप समझ ही गए होंगे। गर्भावस्था में खाने वाले फलों के साथ ही जिन्हें नहीं खाना चाहिए उनकी जानकारी होना जरूरी है। इसलिए, हमने प्रेगनेंसी में कौन- सा फ्रूट नहीं खाना चाहिए, इसके बारे में भी बताया है। बस किसी भी फल को आहार में शामिल करने से पहले डॉक्टर से राय जरूर लें।
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