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Linea Nigra: प्रेगनेंसी के दौरान पेट में लकीर या डार्क काली लाइन से जुड़े अजीबोगरीब मिथक और उनकी सच्चाई

Linea Nigra: प्रेगनेंसी के दौरान पेट में लकीर या डार्क काली लाइन से जुड़े अजीबोगरीब मिथक और उनकी सच्चाई

3 Feb 2023 | 1 min Read

Mousumi Dutta

Author | 387 Articles

प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में बहुत तरह के बदलाव होते हैं, उनमें से एक है पेट में लकीर यानि डार्क काली लाइन का उभरना, जिसको लिनिया नाइग्रा (Linea Nigra) कहते हैं। अब शायद आप सोच रहे होंगे कि आखिर पेट के बीचो-बीच ये काली रेखा क्यों उभरकर नजर आती है, क्या यह किसी बीमारी का संकेत हैं? या इसके कारण प्रेगनेंसी के दौरान या बाद में कोई समस्या पैदा हो सकती है। इसके अलावा  प्रेगनेंसी के दूसरे तिमाही में उभरने वाली पेट में लकीर या लिनिया नाइग्रा को लेकर समाज में बहुत तरह के मिथक प्रचलित हैं। चलिए आज लिनिया नाइग्रा के मिथकों के पीछे की सच्चाई के बारे में आगे विस्तार से जानते हैं। 

वैसे तो प्रेगनेंसी में पेट में काली रेखा या डार्क काली लाइन को तो आप सभी ने देखा होगा, लेकिन पेट में लकीर का क्या मतलब होता है या प्रेगनेंसी में काली रेखा क्यों उभरकर आती है, क्या आपने इस बारे में सोचा है? अगर नहीं तो चलिए हम ही बता देते हैं कि प्रेगनेंसी में पेट में लकीर या लिनिया नाइग्रा (Linea Nigra) क्या होता है।

लिनिया नाइग्रा या प्रेगनेंसी में पेट में लकीर क्या होता है?। What is Linea Nigra in Pregnancy Hindi

लिनिया नाइग्रा एक तरह की डार्क काली लाइन होती है, जो गर्भावस्था के दौरान आपके पेट में लकीर के रूप में विकसित होती है। आमतौर पर यह बेलीबटन से प्यूबिक एरिया तक फैला होता है। लिनिया नाइग्रा हार्मोन के बढ़ने के कारण होता है और बच्चे के जन्म के बाद धीरे-धीरे हल्का हो जाता है। प्रेगनेंसी के लगभग दूसरी तिमाही से पेट में काली रेखा नजर आने लगती है, जिसका समय के साथ रंग गहरा होता जाता है। लेकिन बच्चे के जन्म के बाद इसका रंग धीरे-धीरे हल्का हो जाता है।

प्रेगनेंसी के दौरान लिनिया नाइग्रा या पेट में लकीर क्यों दिखाई देती है? What Makes the Linea Nigra Appear During Pregnancy in Hindi?

वैसे तो गर्भावस्था के दौरान पेट में लकीर क्यों उभरकर आती है, इसके बारे में दावे के साथ कुछ कहना तो मुश्किल है। पर अध्ययनों के आधार पर गर्भावस्था में शरीर में हॉर्मोन के बढ़ाव की वजह से पेट में काली रेखा निकल आती है। गर्भनाल या प्लासेंटा से बने मेलानोसाइट-उत्तेजक हार्मोन गर्भावस्था के दौरान मेलेनिन के बढ़ने का कारण बनता है। मेलानिन त्वचा को उसका रंग देने के लिए जिम्मेदार होता है। मेलेनिन में यह वृद्धि गर्भावस्था के दौरान  त्वचा को काला कर देती है। यही हार्मोन मेलास्मा और गहरे रंग के एरिओला पैदा करने के लिए भी जिम्मेदार होता है। आपके जानकारी के लिए बता दें कि गर्भावस्था मे पेट में लकीर या लिनिया नाइग्रा होना बिल्कुल नॉर्मल होता है।

लिनिया नाइग्रा लगभग हर गर्भवती महिला के गर्भावस्था के दौरान पेट में लकीर या काली रेखा के रूप में दिखाई देता है, जो डिलीवरी के बाद धीरे-धीरे हल्का हो जाता है। यह माँ या बच्चे को किसी भी तरह से कोई नुकसान नहीं पहुँचाता है, लेकिन इसको लेकर कई तरह के मिथक बने हुए हैं। आइए इन मिथकों की सच्चाई जानते हैं।

 

प्रेगनेंसी के दौरान लिनिया नाइग्रा को लेकर मिथक और सच्चाई/चित्र स्रोत: फ्रीपिक

प्रेगनेंसी के दौरान लिनिया नाइग्रा को लेकर मिथक और सच्चाई। Myths and Facts about Linea Nigra in Pregnancy Hindi

मिथक 1# लिनिया नाइग्रा या पेट में काली रेखा अचानक क्यों उभरकर आती है?

सच्चाई: आपके जानकारी के लिए बता दें कि महिला के पेट पर हमेशा एक रेखा मौजूद रहती है, जिसे “लिनिया अल्बा” कहा जाता है, जिसका अर्थ है सफेद रेखा। गर्भावस्था के दौरान यह रेखा अक्सर काली हो जाती है और तब इसे “लिनिया नाइग्रा” (पेट में काली रेखा) के रूप में दिखाई देता है।

मिथक 2# लिनिया नाइग्रा या पेट में लकीर की लंबाई और स्थिति शिशु के लिंग या जेंडर को निर्धारित करती है 

सच्चाई: इस पेट में लकीर को लेकर दो प्रसिद्ध कहानियां प्रचलित है, एक लिनिया नाइग्रा  लिंग या जेंडर बताती है। पहले वाला परिभाषित करता है कि काली रेखा का अर्थ ही लड़के का जन्म होना है। दूसरा संकेत बताता है कि रेखा की लंबाई, जो आमतौर पर पसलियों तक जाती है, लड़के के होने का संकेत होता है और जो छोटी होती है वह लड़की के होने का संकेत होता है। हालांकि, दोनों ही धारणाओं को वैज्ञानिकों ने गलत साबित किया था।

मिथक 3# प्रेगनेंसी में पेट में लकीर जो उभरकर दिखती है, वह नहीं मिटती है।

सच्चाई: वैसे तो प्रेगनेंसी के दूसरे तिमाही में पेट में काली रेखा यानि लिनिया नाइग्रा जो बनती वो  मोटी जरूर होती है, लेकिन जिद्दी निशान नहीं होती है। आम तौर पर बच्चे के जन्म के बाद फीकी होने लगती है। इसको लेकर ज्यादा चिंता करने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं होती है। 

 लिनिया नाइग्रा बिल्कुल ही नेचुरल गर्भावस्था संबंधी शारीरिक बदलावों का परिणाम है। आप गर्भावस्था के दौरान आहार में उच्च मात्रा में फोलिक एसिड और प्रोटीन लेने से काली रेखा को हल्का करने में थोड़ी मदद मिल सकती है। 

एक्सपर्ट टिप्स: आपकी जानकारी के लिए बता दें कि प्रेगनेंसी में पेट में लकीर सूरज के अल्ट्रावायलेट किरणों के संपर्क में आने से और भी गहरे रंग की हो सकती है, इसलिए लिनिया नाइग्रा पर नियमित रूप से सनस्क्रीन लगाने से फायदा मिल सकता है।

सनस्क्रीन लोशन का इस्तेमाल करने के पहले इस बात का ध्यान रखें कि वह केमिकल फ्री हो, क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान त्वचा बहुत संवेदनशील हो जाती है। बेबीचक्रा का सनस्क्रीन इस मामले में विकल्प बन सकता है, आप ट्राई करके देख सकते हैं।

इसके अलावा आप नियमित हल्के हाथों से बॉडी बटर या नेचुरल बॉडी लोशन लगाकर स्किन को मॉइश्चराइज रख सकती है। इससे स्किन ड्राई होने और मार्क्स आदि को बढ़ने से कुछ हद तक रोका जा सकता है।

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